कांग्रेस पार्टी के नेता कभी टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थन में खड़े रहते हैं तो कभी आतंकी मसूद अजहर को जी कहकर बुलाते हैं। अब वे हिंदू धर्मग्रंथों को भी निशाना बनाने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल ने आपत्तिजनक बयान दिया है। उन्होंने एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कहा कि गीता में जिहाद की बाते हैं। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जिहाद का पाठ पढ़ाया था। उनके इस बयान की हर तरफ निंदा हो रही है। गीता तो विश्व कल्याण, कर्मयोग और शांति की बात करती है। कुरुक्षेत्र में ये ज्ञान की वाणी हर अंधकार को दूर करती है। विश्व हिंदू परिषद ने पाटिल के बयान के दुभार्ग्यपूर्ण करार दिया है। विहिप के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि पाटिल का बयान कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है। भाजपा ने भी इस पर कड़ा एतराज जताया है।
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि शिवराज पाटिल हैं या शाहबाज़ पठान जो गीता में जिहाद ढूँढने निकले हैं ? आज कांग्रेस की जो दुर्गति हुई है, उसका कारण समझना हो तो गीता का कर्मफल पढ़ लेना। गीता में जिहाद तो नहीं लिखा, लेकिन गीता में जो लिखा है उससे जिहादियों का इलाज जरूर किया जा सकता है।
भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि हिंदुओं से ये नफरत संयोग नहीं प्रयोग है। ये वोटबैंक का प्रयोग और उद्योग हैं- गुजरात चुनाव से पहले आप और कांग्रेस के बीच एक तुष्टिकरण की प्रतियोगिता है कि कौन अपनी कट्टर हिंदू नफरत से वोटबैंक का ध्रुवीकरण कर सकता है। सब प्रथम परिवार के इशारे पर।
इसलिए पूरा देश जिहाद से है त्रस्त
विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि गीता के अंदर जो संपूर्ण दुनिया आत्मकल्याण, समाज कल्याण और विश्वकल्याण का मार्ग ढूंढ़ती है, जिसको कर्मयोग का स्रोत बताती है, उसके बारे में यह कहना कि वहां श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जिहाद सिखाया था, यह बहुत अधिक दुर्भाग्यपूर्ण है। आजादी के बाद के कांग्रेस के डीएनए में केवल हिंदुओं के प्रति नफरत और जिहाद के प्रति प्रेम है। और इसी मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण पूरा देश आज जिहाद से त्रस्त हो रहा है।
कांग्रेस की सफाई
वहीं, कांग्रेस ने पाटिल के बयान से दूरी बना ली है। कांग्रेस महासचिव एवं मीडिया विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि उनके साथी शिवराज पाटिल ने कथित तौर पर भगवद्गीता के बारे में कुछ बयान दिए हैं जो पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। कांग्रेस का गीता को लेकर स्पष्ट मत है। भगवद्गीता भारतीय संस्कृति की बुनियाद है।
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