जनसांख्यिक असंतुलन है बड़ा खतरा
Saturday, April 1, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम भारत

जनसांख्यिक असंतुलन है बड़ा खतरा

सरसंघसंचालक श्री मोहन राव भागवत ने आबादी के असंतुलन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘...जब-जब किसी देश में जनसांख्यिक असंतुलन होता है, तब-तब उस देश की भौगोलिक सीमाओं में भी परिवर्तन आता है

बलबीर पुंज by बलबीर पुंज
Oct 11, 2022, 02:30 pm IST
in भारत, विश्लेषण, मत अभिमत, संघ, संस्कृति
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail
https://panchjanya.com/wp-content/uploads/speaker/post-253612.mp3?cb=1665647750.mp3

सीमित संसाधनों के बीच जनसंख्या में निरंतर वृद्धि हानिकारक है। परंतु यदि बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए बिना सोच-विचार किए नीतियां बनाकर लागू दी जाएं, तो उसके परिणाम और भी अधिक घातक होंगे। भारतीय सनातन संस्कृति अक्षुण्ण रहे और हमारी एकता-अखंडता पर कोई आंच नहीं आए, उसके लिए आवश्यक है कि भारत में जनसंख्या नियंत्रण हेतु संतुलित और दूरदर्शी नीति को अपनाया जाए। 

बलबीर पुंज

विजयदशमी (5 अक्तूबर) के अवसर पर सरसंघसंचालक श्री मोहन राव भागवत ने अन्य महत्वपूर्ण बातों के साथ एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दे का भी उल्लेख किया। उन्होंने आबादी के असंतुलन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘…जब-जब किसी देश में जनसांख्यिक असंतुलन होता है, तब-तब उस देश की भौगोलिक सीमाओं में भी परिवर्तन आता है।

जन्मदर में असमानता के साथ-साथ लोभ, लालच, जबरदस्ती से चलने वाला मतांतरण और देश में हुई घुसपैठ भी इसके बड़े कारण हैं। इन सबका विचार करना पड़ेगा…।’ भागवत जी ने यहां जिस आशंका को रेखांकित किया है, उससे सार्वजनिक जीवन में कार्यरत अधिकांश जनप्रतिनिधि परिचित तो हैं, परंतु संकीर्ण राजनीतिक कारणों से उसे जनविमर्श का हिस्सा बनाने से बचते हैं।

क्या यह सत्य नहीं कि ब्रिटिशकालीन भारत, जनसांख्यिकी में आए परिवर्तन के कारण ही विभाजित हुआ था? इस त्रासदी में जिन दो राष्ट्रों— पाकिस्तान और बांग्लादेश का जन्म हुआ, वह घोषित रूप से इस्लामी हैं। अपने वैचारिक अधिष्ठान के अनुरूप इन दोनों ही देशों में हिंदू, बौद्ध और सिख आदि अल्पसंख्यकों के लिए न तो कोई स्थान है और न ही उनके मानबिंदु (मंदिर-गुरुद्वारा सहित) सुरक्षित।

विडंबना है कि सिंधु नदी, जिसके तट पर हजारों वर्ष पूर्व ऋषि परंपरा से वेदों की रचना हुई और उपनिषदों को स्वरूप मिला— उस क्षेत्र में आज उनका नाम लेने वाला कोई नहीं बचा है। बात केवल यहीं तक सीमित नहीं है। वर्ष 1947 में भारतीय उपमहाद्वीप में भारत-उद्भूत पंथों (हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन) के अनुयायी, कुल आबादी में 74 प्रतिशत थे।

वर्तमान समय में विश्व के इस भूखंड में 180 करोड़ लोग बसते हैं। यदि 1947 की जनसांख्यिकी को आधार बनाएं, तो भारतीय मतावलंबियों की संख्या आज 133 करोड़ होनी चाहिए थी किंतु यह 114 करोड़ है। यक्ष प्रश्न है कि शेष 19 करोड़ कहां गए?

भारत एक लोकतंत्र है, यहां किसी भी महत्वपूर्ण नीति से आमूलचूल परिवर्तन तभी संभव होगा, जब उस संबंध में व्यापक जनजागरण अभियान चलाया जाए। भारतीय सनातन संस्कृति अक्षुण्ण रहे और हमारी एकता-अखंडता पर कोई आंच नहीं आए, उसके लिए आवश्यक है कि भारत में जनसंख्या नियंत्रण हेतु संतुलित और दूरदर्शी नीति को अपनाया जाए।

इन सब तथ्यों के आलोक में स्पष्ट है कि भारतीय उपमहाद्वीप में जहां-जहां उसके मूल सनातन मतावलंबियों का भौतिक-भावनात्मक ह्रास हुआ, वहां-वहां भारत की भौगोलिक सीमा सिकुड़ती गई। सच तो यह है कि विश्व के इस भूखंड में भारत और उसकी सनातन संस्कृति उस हद तक ही जीवित है, जब तक उसके मूल पंथों के अनुयायियों का संख्याबल है। कोई भी विचार और संस्कृति केवल अपनी गुणवत्ता पर ही जिंदा नहीं रह सकती।

भागवत जी ने जनसंख्या संबंधित वक्तव्य में जिन तीन नए देशों— पूर्व तिमोर (ईसाई बहुल), दक्षिणी सूडान (ईसाई बाहुल्य) और कोसोवो (इस्लाम बहुल) का उदाहरण दिया था, वे 21वीं शताब्दी पूर्व तक क्रमश: मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया, सूडान और ईसाई बहुल सर्बिया का भूभाग थे।

जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित विवेकहीन नीति का समाज पर क्या दुष्प्रभाव पड़ सकता है, उसके लिए श्री भागवत ने चीन की एकल संतान की नीति का उदाहरण दिया है। सीमित संसाधनों के बीच जनसंख्या में निरंतर वृद्धि हानिकारक है। परंतु यदि बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए बिना विचार-विमर्श किए नीतियां बनाकर लागू दी जाएं, तो उसके परिणाम और भी अधिक घातक होंगे।

यदि बढ़ती जनसंख्या पर काबू पाने हेतु एकल संतान जैसी ज्ञानहीन नीतियां लागू की गई, तो आज के युवा, जो कल वृद्ध होंगे— उनकी देखभाल कौन करेगा? एक संतान होने के आर्थिक और सामाजिक खतरे हैं। इसमें सबसे बढ़कर – अकेला बच्चा पारंपरिक मानवीय संबंधों से विहीन हो जाएगा। इससे समाज में चाचा, मामा, चचेरे-ममेरे भाई-बहनों जैसे रिश्ते, जो सह-अस्तित्व, आपसी सहयोग और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को पैदा करते हैं – वे सब लुप्त हो जाएंगे।

भारत एक लोकतंत्र है, यहां किसी भी महत्वपूर्ण नीति से आमूलचूल परिवर्तन तभी संभव होगा, जब उस संबंध में व्यापक जनजागरण अभियान चलाया जाए। भारतीय सनातन संस्कृति अक्षुण्ण रहे और हमारी एकता-अखंडता पर कोई आंच नहीं आए, उसके लिए आवश्यक है कि भारत में जनसंख्या नियंत्रण हेतु संतुलित और दूरदर्शी नीति को अपनाया जाए।
(लेखक भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ स्तंभकार हैं।)

Topics: देश में जनसांख्यिक असंतुलनDemographic imbalance in the countrySanatan cultureoriginal Sanatan sectbalanced for population controlIndia is a democracyसनातन संस्कृतिDemographic imbalance is a big threatभारत एक लोकतंत्रजनसंख्या नियंत्रण हेतु संतुलितसरसंघसंचालक श्री मोहन राव भागवतमूल सनातन मतावलंबी
ShareTweetSendShareSend
Previous News

शाहजहांपुर : पुलिस मुठभेड़ के बाद रफ्फन, शब्बीर समेत तीन गोकश गिरफ्तार, एक सिपाही घायल

Next News

पाकिस्तान : 15 दिन के अंदर चौथी हिंदू लड़की का अपहरण

संबंधित समाचार

घर वापसी : बचपन से भगवान गणेश में थी आस्था, बालिग होते ही अपनाया सनातन धर्म, फिर वैदिक रीति-रिवाज से लिए सात फेरे

घर वापसी : बचपन से भगवान गणेश में थी आस्था, बालिग होते ही अपनाया सनातन धर्म, फिर वैदिक रीति-रिवाज से लिए सात फेरे

स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस : …और रशीद ने गोली चला दी!

स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस : …और रशीद ने गोली चला दी!

सनातन संस्कृति का पालना था इंडोनेशिया

सनातन संस्कृति का पालना था इंडोनेशिया

‘सनातन संस्कृति में अपनेपन की प्रवृत्ति’

‘सनातन संस्कृति में अपनेपन की प्रवृत्ति’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पितृपक्ष मेला में गया से चीनी जासूस गिरफ्तार, पूछताछ में जुटी पुलिस

बम से उड़ाने की धमकी देने वाले जुनैद और रिहाना को पुलिस ने किया गिरफ्तार

बाघ परियोजना : 50 साल में बढ़ा बाघों का कुनबा, अभी और काम करने की है जरूरत

बाघ परियोजना : 50 साल में बढ़ा बाघों का कुनबा, अभी और काम करने की है जरूरत

‘विवेकानंद : युग प्रवर्तक की महागाथा’ का मंचन

‘विवेकानंद : युग प्रवर्तक की महागाथा’ का मंचन

जॉर्जिया में हिन्दू विरोधी मजहबी कट्टरता पर प्रहार, हिंदूफोबिया के विरुद्ध पारित हुआ प्रस्ताव

जॉर्जिया में हिन्दू विरोधी मजहबी कट्टरता पर प्रहार, हिंदूफोबिया के विरुद्ध पारित हुआ प्रस्ताव

तिलजला कांड : बंगाल पुलिस के अधिकारी ने NCPCR अध्यक्ष से की मारपीट, कार्यवाही की चोरी छिपे रिकॉर्डिग कर रही थी पुलिस

तिलजला कांड : बंगाल पुलिस के अधिकारी ने NCPCR अध्यक्ष से की मारपीट, कार्यवाही की चोरी छिपे रिकॉर्डिग कर रही थी पुलिस

जैविक खेती से ही होगी जीव की रक्षा

जैविक खेती से ही होगी जीव की रक्षा

महंगाई से बड़ी राहत, कमर्शियल गैस सिलेंडर 92 रुपये हुआ सस्ता

महंगाई से बड़ी राहत, कमर्शियल गैस सिलेंडर 92 रुपये हुआ सस्ता

आपसी मतभेदों को भुलाकर करें वैश्विक चुनौतियों का समाधान: प्रधानमंत्री मोदी

आज भोपाल प्रवास पर रहेंगे प्रधानमंत्री मोदी, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को दिखाएंगे हरी झंडी

जगत जागरण के लिए हनुमत शक्ति का जाप

जगत जागरण के लिए हनुमत शक्ति का जाप

आज का इतिहास : देश में उठी थी स्वतंत्रता की पहली चिंगारी

आज का इतिहास : जानिए क्या है 1 अप्रैल को मूर्ख बनाने की कहानी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies