देहरादून: पिछले चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं, तराई में सभी जलाशयों के गेट खोल दिए गए हैं। वहीं हिमालय की ऊपरी पहाड़ियों में लगातार बर्फबारी की खबर आ रही है। उत्तराखंड में मानसून चला गया ऐसा लगता नहीं, पिछले चार दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित है। कई शहरों में डेढ़ सौ मीमी बारिश हो चुकी है, बारिश से अबतक करीब नब्बे मकान क्षतिग्रस्त हुए है, तो वहीं चार लोगों की मौत भी हो चुकी है, बारिश के कारण 165 छोटी और बड़ी सड़कों पर मलबा आने से यातायात बंद हुआ है, जिन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
बारिश की वजह से नैनीताल झील के ताश खोलने पड़े हैं, जिसका पानी गौला नदी में आया है, गौला कोसी कैलाश, राम गंगा नदी उफान पर हैं, शारदा नदी भी खतरे के निशान पर है, जबकि गंगा, टोंस, यमुना, शिप्रा नदियां भी रौद्र रूप दिखा रही हैं।
वहीं कई सालों बाद नानक सागर के जलाशय के पानी के गेट खोले गए हैं। बैगुल, गुल्लरभोज, हरिपुरा, तुमरिया डैम के द्वार भी खोले गए हैं, जिसकी वजह से यूपी में नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है।
लगातार बारिश की वजह से तराई क्षेत्र में धान की खड़ी फसल को भारी नुकसान होने की खबर आ रही है। ये फसल इन दिनों काटी जाती है, और दिवाली पर बाजार में बिकती है। तो वहीं किसानों की मटर की फसल भी चौपट हो गई है।
पिछले चार दिनो से उत्तराखंड के सात जिलों में बारिश का अलर्ट होने से स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र सब बंद हैं। उत्तराखंड के ऊपरी हिमालय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी की खबर है, व्यास घाटी, ओम पर्वत आदि कैलाश, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, ओली, केदार घाटी में भी बर्फबारी की सूचना मिली है।
मौसम विभाग के अनुसार 12 अक्टूबर को उत्तराखंड में मौसम साफ होने की संभावना है। माना जा रहा है, कि बारिश थमते ही शरद ऋतु का आगमन हो जाएगा।
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