धर्मशाला। तिब्बती आध्यात्मिक गुरु, नोबेल शांति पुरुस्कार से सम्मानित दलाई लामा को चीन ने अलगाववादी बताया है। दलाई लामा ने इसे चीन की हिंसक और भौतिक सोच बताया है। उन्होंने कहा कि चीन के बौद्ध श्रद्धालु मुझमें श्रद्धा रखते हैं।
अपने मठ आवास में सुबह की प्रार्थना सभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए पूज्य दलाई लामा ने कहा कि चीन की सोच हिंसक है और वह भौतिक विकास की तरह जी रहा है, इसीलिए वह मुझे अलगाववादी बता रहा है। हम अहिंसा पर विश्वास रखते हैं। पूज्य लामा ने कहा कि चीन के बौद्ध श्रद्धालु मुझमें श्रद्धा और आस्था रखते हैं, वे धर्म के अनुयायी है। चीन ने हमेशा अशांति की बात की है और हमने शांति का रास्ता चुना है। इसलिए चीन के बौद्ध श्रद्धालु मुझे अलगाववादी कभी भी नहीं मानते।
दलाई लामा ने कहा कि स्कूलों में भौतिक शिक्षा का बोलबाला है और ये शिक्षा मन की शांति नही दे सकती, मन की शांति के लिए आध्यात्मिक शिक्षा की तरफ जाना पड़ता है और मन की शांति की अध्यात्मिक शिक्षा से ही व्यक्तित्व में निखार आता है।
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