बिहार की सत्ता में लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की भागीदारी होते ही फिर वही खेल शुरू हो गया है, जिसके लिए लालू यादव जाने जाते हैं। यानी मुस्लिम तुष्टीकरण का खेल। अनेक राजनीतिक पंडितों का मानना है कि लालू यादव को लगता है कि मुसलमान चाहें, बिहार के हों या पाकिस्तान के, उन्हें प्रसन्न रखो। इसी के तहत राजद ने अपने राज्यसभा सांसद मनोज झा को पाकिस्तान भेजने का फैसला लिया। बहाना बनाया गया वहां की मानवाधिकार कार्यकर्ता आसमां जहांगीर की याद में होने वाले कार्यक्रम का। बता दें कि आसमां जहांगीर का 2018 में निधन हो गया था। उनकी याद में 23 अक्तूबर को लाहौर में एक कार्यक्रम होने वाला है। इसका विषय है- ‘लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा में राजनीतिक दलों की भूमिका।’ इसी विषय पर मनोज झा को बोलना था, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी है। गृह मंत्रलय ने मनोज झा को विदेशी अनुदान (नियमन) अधिनियम संबंधी स्वीकृति दे दी है, लेकिन विदेश मंत्रलय ने राजनीतिक मंजूरी नहीं दी है।
इसके पीछे अनेक तरह की बातें की जा रही हैं, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि मनोज झा की यात्र प्रायोजित है। कहा जा रहा है कि लालू यादव के कहने पर कुछ मुस्लिम नेताओं ने मनोज झा के पाकिस्तान जाने का कार्यक्रम बनाया।
उल्लेखनीय है कि लालू यादव भी 2003 में पाकिस्तान गए थे। वहां उन्होंने अपने देसी अंदाज में पाकिस्तानियों को प्रभावित करने का प्रयास किया था। वे साथ में सत्तू ले गए थे और जब भी खाते थे तो मीडिया वाले को भी बुला लेते थे। इससे पाकिस्तान में उनकी खूब चर्चा होती थी। इस चर्चा से लालू भी गद्गद् होते थे। यही नहीं, पाकिस्तान से आने के बाद लालू यादव जहां भी बोलते थे, तो पाकिस्तान की चर्चा जरूर करते थे। वे यह भी कहते थे कि पाकिस्तान में उनकी लोकप्रियता बहुत अधिक है। इसके पीछे उनकी मंशा होती थी मुसलमानों को खुश करना।
अब बदले राजनीतिक परिदृश्य में उन्हें फिर से लगने लगा है कि पाकिस्तान के मुसलमानों को प्रसन्न रखने से बिहार के मुसलमान भी उनसे खुश रहेंगे। बता दें कि लालू का अगला लक्ष्य है अपने पुत्र और वर्तमान में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनवाना। इसके लिए वे नीतीश कुमार को किनारे लगाने में लग भी गए हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार दिल्ली जाएं और तेजस्वी को बिहार सौप दें। यही नहीं, उनकी पार्टी के एक अन्य नेता शिवानंद तिवारी ने तो नीतीश को संन्यास लेने तक की सलाह दे दी है, वह भी लालू की उपस्थिति में। इसलिए लोग मान रहे हैं कि आने वाले समय में बिहार में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम घटने वाला है।
कहा जा रहा है कि इन सबको देखते हुए ही लालू यादव अपने नेता मनोज झा को पाकिस्तान भेज रहे हैं। पर केंद्र सरकार ने उनकी योजना की फिलहाल हवा निकाल दी है।
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