राजस्थान के श्रीमाधोपुर में नील गाय का शिकार करने वाली 2 महिलाओं को वन विभाग ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये लोग पहले नीलगाय का शिकार करते हैं और फिर होटलों तक उनका मांस पहुंचाते हैं। इनके साथ पूरे गैंग के एक्टिव होने की बात सामने आई है।
गिरफ्तार महिलाओं ने पूछताछ में बताया कि पहले बंदूक से नीलगाय का शिकार किया जाता है फिर रात के अंधेरे में उसका मांस निकाल कर जयपुर, चौमूं जैसे बड़े शहरों के होटलों में सप्लाई कर दिया जाता था।
क्षेत्रीय वन अधिकारी देवेंद्र सिंह राठौर के अनुसार शुक्रवार को नदी में नहा रहे कुछ युवकों को एक नीलगाय का शव मिला। जिसको गोली लगी थी, युवकों ने इसकी सूचना अरणियां गाँव के सरपंच को दी जिन्होंने बाद में मामले से वन विभाग को अवगत करवाया।
राठौर ने आगे बताया कि वन विभाग की टीम ने घटनास्थल पर अपना जाल बिछाया और वहीं छिप कर बैठ गए। उन्होंने कहा कि रात में कुछ लोग आए जो नीलगाय का मांस निकालने लगे। जिन्हें रेंज हाथों ही दबोच लिया। वन विभाग ने मौके से जिसे गिरफ्तार किया उसकी पहचान जयपुर जिले के बस्सी के किशनपुरा निवासी धोली देवी बावरिया (32) पत्नी रमेश बावरिया के रूप में हुई।
वन विभाग ने आगे धोली देवी बावरिया से पूछताछ के आधार पर टीबावाली ढाणी खुर्रमपुरा जिला जयपुर में शनिवार सुबह दबिश देकर मौके से ममता (33) पत्नी राजकुमार बावरिया को गिरफ्तार किया लिया।
वन अधिकारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि बकरे का मांस 500 से 700 प्रति किलो मिलने की वजह से ये गैंग 100 रुपए प्रति किलो के रेट से मटन में मिला कर ग्राहकों को बेचा करते थे। दोनों महिलाओं के पति घटना के बाद से फरार हैं। इस मामले में नामजद अन्य आरोपियों की भी शीघ्र ही गिरफ्तारी की जाएगी।
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