केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में चौतरफा काम होने से भारत की साख दुनिया में बढ़ी है। हमारा देश वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से कार्य कर रहा है। पीएम का नारा है “जय जवान, जय किसान” जय विज्ञान, जय अनुसंधान, मुरैना का बीज फार्म किसानों की प्रगति के लिए विज्ञान व अनुसंधान का पूरा उपयोग करेगा।
केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर रविवार को एमपी के मुरैना में राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) के जैविक बीज फार्म का शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विधिवत पूजन कर जैविक बीज फार्म का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इसके प्रारंभ होने पर मध्यप्रदेश के किसानों को तिलहन के नए जैविक बीज उपलब्ध होंगे। इस फार्म से किसान आधुनिक पद्धतियों से अवगत होंगे। उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलेंगे। इससे किसानों के सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार आएगा।
केन्द्रीय मंत्री तोमर ने इस अवसर पर घोषणा की कि पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय चंबल वन्य जीव अभयारण्य की 207 हेक्टेयर भूमि डी-नोटिफिकेशन करने की अनुशंसा का बड़ा फैसला लिया है। यह अभयारण्य क्षेत्र राजस्व भूमि होने से रेत की उपलब्धता स्थानीय स्तर पर होने से रोजगार भी बढ़ेंगे।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने मुरैना में जैविक बीजों के उत्पादन के लिए बीहड़ क्षेत्र में भूमि सुधार कर फार्म स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए मप्र सरकार द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्रालय को मुरैना के 4 गाँवों गडोरा, जाखौना, रिठौरा खुर्द, गोरखा में 885.34 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है। चंबल क्षेत्र का बीहड़ होने से कृषि कार्य नहीं हो पा रहा था। एनएससी किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है और 15 लाख क्विंटल गुणवतायुक्त प्रमाणित बीज उत्पादित कर किसानों को उपलब्ध करा रहा है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मुरैना में जैविक बीजों के उत्पादन के लिए फार्म विकसित करने की जिम्मेदारी एनएसपी को सौंपी है। मुरैना में रेवाइंस क्षेत्र में बीज उत्पादन से भूमि में सुधार होगा व भूमि उपजाऊ होगी। स्थानीय किसान भूमि सुधार से प्रेरित होकर अपने खेतों में भी भूमि सुधार कर नवीनतम वैज्ञानिक पद्धति से बीज उत्पादन कर खेती में कम लागत से उच्च आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। कृषकों को यहाँ बीज उत्पादन की नवीनतम तकनीक सीखने को मिलेगी। एनएससी के विशेषज्ञों द्वारा स्थानीय और प्रदेश के किसानों को ट्रेनिंग के जरिये नवीनतम बीज उत्पादन तकनीक सिखाई जाएगी।
तोमर ने कहा कि मुरैना के स्थानीय श्रमिकों को फार्म में भूमि सुधार एवं बीज उत्पादन से रोजगार प्राप्त होगा। मुरैना फार्म से किसानों को नवीनतम एवं आनुवंशिक व भौतिक रूप से शुद्ध जैविक तिलहन बीज प्राप्त होने से अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा, जिससे न केवल प्रदेश के कृषकों के सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार होगा, बल्कि कृषकों को पोषण सुरक्षा भी प्राप्त होगी
उन्होंने कहा कि बीज कृषि का आधार व प्रमुख आदान है। खेती के लिए अच्छे बीजों की उपलब्धता से उत्पादकता में वृद्धि और किसानों के लिए उच्च आय के अलावा एग्री इको-सिस्टम व अर्थ-व्यवस्था को समग्र रूप से लाभ होता है। केंद्र सरकार, राज्यों में बीज उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही विविध योजनाओं द्वारा बीज वितरण में सहायता करती है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने फसलों के गुणवता वाले बीज उत्पादन और गुणन बढ़ाने के लिए 2014-15 से बीज और रोपण सामग्री सब मिशन लागू किया है, ताकि किसानों को पर्याप्त बीज मिलें। बीज संबंधी विभिन्न गतिविधियों के जरिये राज्यों व सार्वजनिक क्षेत्र के बीज संगठनों को, बीज गुणवत्ता नियंत्रण को मजबूत किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बीते 8 साल में व्यावसायिक खेती के लिए 304 किस्में अधिसूचित की गई हैं। राष्ट्रीय चंबल वन्य-जीव अभयारण्य क्षेत्र में डी-नोटिफिकेशन से होंगे। तोमर ने डी-नोटिफिकेशन किए जाने के लिये पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से आग्रह किया था। तत्संबंधी प्रस्ताव पर मंत्री यादव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थायी समिति की 69वीं बैठक में चर्चा की गई और समिति ने अभयारण्य से निम्नानुसार 207.05 हेक्टेयर क्षेत्र बाहर करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया है।
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