पीएफआई पर बड़े और कड़े फैसले की जरूरत : मुख्तार अब्बास नकवी

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सुनील राय

पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने लखनऊ में पांचजन्य से  कहा कि आज की तारीख में पीएफआई  का जो काम दिखाई दे रहा है. वो साफ तौर पर अलकायदा के पर्यायवाची के तौर पर  दिखाई पड़ रहा है. पीएफआई, आईएसआई का प्राक्सी दिखाई पड़ता है. इस तरह की कुछ ताकते हैं जो मज़हब को या धर्म को सुरक्षा  कवच बना कर देश के सौहार्द, एकता और भाई चारे को छिन्न-भिन्न करना चाहती हैं. ये लोग न किसी मजहब के हितैषी हैं और न किसी मानवता के हितैषी हैं बल्कि मानवता और मजहब के दुश्मन हैं. पीएफआई जैसा  संगठन जो आईएसआई के प्राक्सी के तौर पर काम कर रहा है. ऐसे संगठनों को नियंत्रित करने के लिए बड़े और कड़े फैसले की जरूरत है. मैं समझता हूं कि देश की एजेंसियां अपना कार्य पूरी जिम्मेदारी से कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि मदरसों का सर्वे वक्फ बोर्ड की जिम्मेदारी है. वक्फ बोर्ड की समस्या क्या है कि ज्यादातर वक्फ बोर्ड, वक्फ माफियाओं के चंगुल में फंस गए थे. उन्होंने सर्वे की जिम्मेदारी नहीं निभाई. अब सरकार वो जिम्मेदारी निभा रही है. ऐसे में अगर किसी के पास कुछ छिपाने के लिए नहीं है तो परेशान होने की जरूरत क्या है ?  उत्तर प्रदेश ऐसा पहला प्रदेश होगा जहां लगभग पांच वर्ष पहले पोर्टल बनाया गया और जो रजिस्टर्ड मदरसे हैं वो सभी मदरसे पोर्टल पर हैं. अब इस दौरान हुआ यह कि मशरूमी ग्रोथ हुई.  गली-गली में तमाम मदरसे खुल गए. मैं यह नहीं कहता कि सभी मदरसों में गड़बड़ झाला चल रहा है. लेकिन जहां पर शक की सुई जा रही है तो उसकी जांच होनी चाहिए. अगर राज्य सरकार यह काम कर रही है तो यह स्वागत योग्य कदम है. सभी को इसमें सहयोग करना चाहिए.

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