15 सितम्बर को रात 8 बजे के लगभग कोटा के नयापुरा थाने के अंदर पेट्रोल डालकर आग लगाने वाले राधेश्याम मीणा की जीवन लीला आज समाप्त हो गयी। 5 दिन के कठिन संघर्ष के बाद आज राधेश्याम मीणा ने अंतिम साँस ली। उसे बार-बार उल्टी हो रही थी। बाएं हाथ को उठाने में परेशानी हो रही थी। पेट्रोल डालकर आग लगाने से उसका शरीर डीप बर्न हुआ था। इस कारण उसे जलन हो रही थी।
राधेश्याम मीणा कांग्रेस के पार्षद हरिओम सुमन एवं उसके साथियो से परेशान था जिसके खिलाफ उसने नयापुरा थाने में शिकायत दी थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की थी जिससे तंग आकर उसने आत्मदाह का प्रयास किया था लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने आग बुझाई और उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां देर रात उसे जयपुर रैफर किया गया। दो दिन जयपुर में इलाज के बाद 17 सितंबर को उसे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दिल्ली रेफर किया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
व्हाटएप्प ग्रुप में कमेंट करना पड़ा भारी
36 वर्षीय पेशे से कार चालक राधेश्याम मीणा को राजस्थान सराकर में कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पार्षद हरिओम सुमन के खिलाफ व्हाटएप्प ग्रुप में कमेंट करना इतना भारी पड़ गया की इसकी कीमत उसे जान देकर चुकानी पड़ी। राधेश्याम मीणा इससे पहले कभी मंत्री शांति धारीवाल के ड्राइवर रह चुके है।
पार्षद द्वारा फब्तियां कसने से काफी अवसाद में था पीड़ित
दरअसल राधेश्याम के मिलने वाले खंड गावड़ी निवासी समाजसेवी संजय (समीर) ने बताया था कि” राधेश्याम से हरिओम सुमन के द्वारा तंज, फब्तियां कसने से काफी अवसाद में था। हरिओम ने उसकी पत्नी के लिए भद्दे कमेंट के साथ अपशब्द भी कहे। वो गावड़ी के प्रवेश द्वार पर जब भी मिलता तो कहता तू कुछ नहीं कर सकता मेरा। इसी अवसाद में उसने पेट्रोल छिड़क कर आत्मदाह का प्रयास किया”
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
संजय ने आगे कहा कि” राधेश्याम मीणा ने कुछ दिन पहले एक व्हाट्सप्प ग्रुप में कांग्रेस पार्षद हरिओम सुमन के खिलाफ उसके कार्य से असंतुष्टि जताते हुए लिखा था कि” पार्षद कोई सुनवाई नहीं करता है और उसके आदमी बदतमीजी करते है। इसी बात से उद्वेलित होकर हरिओम सुमन एवं उसके साथियो ने राधेश्याम के घर में घुसकर उसकी बीवी और उसके साथ मारपीट की जिसकी शिकायत राधेश्याम ने पुलिस में दी थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।”
पिटाई से फट गया था कान का पर्दा
राधेश्याम के एक कान का पर्दा हरिओम सुमन की मारपीट के बाद फट गया था और राधेश्याम उस कान से सुन भी नहीं सकता था। राधेश्याम ने नयापुरा पुलिस के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने पर क्षुब्ध होकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन से भी सुनवाई के लिए अपील की थी लेकिन वहां से भी उसको कोई राहत नहीं मिली।
सुनवाई न होने से तनाव में था राधेश्याम
पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नहीं होने से राधेश्याम तनाव में आ गया। उसने गुरुवार रात 8 बजे थाने में जाकर पेट्रोल छिड़कर खुद को आग लगा ली। इस मामले में गम्भीरता दिखाते हुए सिटी एसपी केसर सिंह शेखावत ने नयापुरा थाना इंचार्ज भूपेंद्र को लाइन हाजिर किया था। जबकि जांच अधिकारी बच्चन सिंह व ASI सतीश कुमार को सस्पेंड कर दिया था।
पुलिस ने 10 दिन बाद दर्ज किया परिवाद
वहीं राधेश्याम द्वारा खौफनाक कदम उठाए जाने के बाद पुलिस ने 5 के परिवाद को 10 बाद दर्ज कर आरोपी कांग्रेस पार्षद हरिओम सुमन, उसके साथी हितेश व अमित खिल्लीवाल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट ने तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए जिसके बाद सोमवार को तीनों को कोर्ट से जमानत भी मिल गई।
यहां देखें वीडियो – राजस्थान पुलिस ने कांग्रेस नेता के खिलाफ नहीं दर्ज की शिकायत, युवक ने थाना परिसर में खुद को लगाई आग
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