अमेरिका ने अफगानी आतंकी हाजी बशर नूरजई को आखिरकार अपने यहां की बेहद सुरक्षित ग्वातेनामो बे जेल से रिहा कर दिया है। हाजी वहां करीब 17 साल से कैद था। अमेरिका के इस कदम के बदले में तालिबान ने अफगानिस्तान में कैद अमेरिकी कारोबारी मार्क फ्रेरिच को छोड़कर अमेरिका को सौंप दिया है।
बताया गया है कि मार्क फ्रेरिच अफगानिस्तान में पिछले कई साल से तालिबान के कब्जे में थे। दिलचस्प तथ्य यह है कि इससे पहले तालिबान ने कभी स्वीकारा ही नहीं था कि मार्क उसकी कैद में हैं। मार्क की रिहाई के बावजूद अभी भी अमेरिका के कई नागरिक तालिबान के शिकंजे में हैं, ऐसा अमेरिका ने दावा किया है।
अमेरिका के ग्वातेनामो जेल अपनी सख्ती के लिए दुनियाभर में कुख्यात है। हाजी इसी जेल में कड़ी निगरानी में करीब 17 साल से बंद था और तालिबान कई बार अमेरिका पर दबाव बना चुके थे कि उसे छोड़ दिया जाए। आखिरकार हाजी को रिहा कर दिया गया है। बताते हैं उसकी रिहाई के बदले में अमेरिकी नागरिक मार्क को छोड़ने की शर्त रखी थी। तालिबान और अमेरिका में कैदियों को ये आदान-प्रदान 18 सितम्बर को हुआ था जिसकी पुख्ता जानकारी एक दिन बाद दी गई थी।
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उधर तालिबान ने भी इस समाचार की पुष्टि की है और बयान जारी करके कहा है कि अमेरिका ने ग्वातेनामो बे जेल में कैद आखिरी अफगान कैदी हाजी बशर नूरजई को रिहा कर दिया है। अमेरिकी जेल से रिहा करने के बाद हाजी को 19 सितम्बर की सुबह काबुल हवाई अड्डे पहुंचाया गया, जहां उसे अफगानिस्तान के गुप्तचर अधिकारियों के हवाले किया गया। इस रिहाई पर तालिबान अपनी पींठ थपथपाते हुए दावा कर रहा है कि यह काम तालिबान सरकार की कोशिशों से हुआ है। हाजी के काबुल पहुंचने पर तालिबान ने नारों के साथ उसे मालाएं पहनाईं और हीरो जैसा स्वागत किया। (देखें वीडियो)
हाजी के बदले तालिबान द्वारा अपनी कैद से आजाद किए गए अमेरिकी कारोबारी मार्क फ्रेरिच पिछले कुछ साल से कैद में थे। जबकि इस्लामी लड़ाके तालिबान हमेशा इससे इंकार करते रहे थे। अमेरिका जब भी मार्क की खोज-खबर लेने की कोशिश करता, तालिबान यही कहते कि मार्क उनके पास नहीं हैं। लेकिन अभी भी अमेरिका ने दावा किया है कि उसके अनेक नागरिक तालिबान के शिकंजे में हैं।
अमेरिकी अधिकरियों को संदेह है कि तालिबान लड़ाकों ने उन्हें आगे अपनी बातें मनवाने के लिए आड़ बनाने का सोचा हुआ है। बता दें कि अफगानी आतंकी हाजी बशर नूरजई को अमेरिका ने अपने यहां नशीले पदार्थों की तस्करी तथा तालिबान लड़ाकों से साठगांठ के आरोपों में कैद किया था।
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