सुन्नी बहुल पाकिस्तान में शिया समुदाय किस कदर आतंक के साए में जी रहा है, उसका एक और उदाहरण कल देखने में आया है। प्राप्त समाचारों के अनुसार, कल पंजाब सूबे में लाहौर से 130 किमी. दूर सियालकोट से एक दर्दनाक खबर आई। बताया गया कि वहां शियाओं की भीड़ इमाम हुसैन के चेहलुम के मौके पर एक जुलूस निकाल रही थी। रास्ते में उस पर कथित तहरीके-लब्बैक पाकिस्तान के मजहबी उन्मादियों ने हथियारों के साथ हमला बोल दिया।
इस जिहादी गुट के शियाओं पर इस हमले में बताया जा रहा है कि 13 लोग घायल हो गये। पुलिस ने बताया है कि घायल शियाओं के सिर पर गंभीर चोट आई है। थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, इलाके के शिया लोग चेहलुम के तहत मातमी जुलूस की शक्ल में सियालकोट स्थित इमामबारगाह जा रहे थे। रास्ते में हवा में हथियार लहराते हुए, बंदूकों और पत्थरों से लैस कट्टरपंथी सुन्नियों ने मातम मनाते जा रहे शियाओं पर जबरदस्त हमला बोलकर मारकाट मचा दी।
प्राथमिकी बताती है कि दर्जनभर से ज्यादा शिया घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। कट्टरपंथी उन्मादियों के इस हमले के पीछे जुलूस के मार्ग को लेकर लंबे समय से चली आ रही बहस बताई गई है। पुलिस अधिकारी के अनुसार, इस वजह से ही दोनों गुटों में तनातनी चली आ रही थी।
टीएलपी के स्थानीय उन्मादी चाहते थे कि शिया समुदाय अपना जुलूस उनकी मस्जिद और मदरसे के सामने से ना लेकर जाए। लेकिन शिया लोग उसी रास्ते से इमामबारगाह जाने पर अड़े रहे थे, क्योंकि हर साल इसी रास्ते से जुलूस निकलता आ रहा था। विवाद किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा तो जिहादियों का हथियारबंद गुट शहाबपुरा (सियालकोट) के आलम चौक पर एक मदरसे से बाहर आकर मातमी जुलूस पर टूट पड़ा।
सियालकोट पुलिस अधीक्षक फैसल कामरान ने बताया है कि हमला करने के बाद कट्टरपंथी मौके से भाग खड़े हुए। हालांकि 30 संदिग्धों के विरुद्ध आतंकवाद के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। इलाके में भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया जा चुका है। पुलिस संदिग्धों की तलाश कर रही है।
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