जम्मू-कश्मीर पुलिस के उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती घोटाले में सीबीआई ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए छह राज्यों में 36 ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान राज्य के सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) के पूर्व चेयरमैन, परीक्षा नियंत्रक, जम्मू पुलिस लाइन में तैनात डीएसपी के घरों पर भी कार्रवाई की गई. जिन लोगों के घरों पर छापे पड़े, उनमें पूर्व उप मुख्यमंत्री ताराचंद के पीआरओ, तीन पुलिस कांस्टेबल, तीन सीआरपीएफ कर्मचारी तथा एक सरकारी शिक्षक शामिल है. इसी तरह हरियाणा के तीन स्थानों- रेवाड़ी, करनाल व मोहिंदरगढ़, गुजरात में गांधीधाम, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में दो जगहों, दिल्ली में एक, बंगलुरु में एक और जम्मू-कश्मीर में 25 जगहों पर छापेमारी की गई. जाच के दौरान इन लोगों के बैंक खातों, मोबाइल फोन, लैपटॉप से कई तरह की जानकारी हासिल की है.
इन लोगों के घरों पर हुई छापेमारी
सीबीआई की टीमों ने जेकेएसएसबी के पूर्व चेयरमैन खालिद जहांगीर, पूर्व कंट्रोलर अशोक कुमार, जिला पुलिस लाइन में तैनात डीएसपी केडी भगत, पुलिस कांस्टेबल रमन शर्मा, कांस्टेबल केवल कृष्ण उर्फ विक्की व कांस्टेबल सुनील पगोत्रा, सीआरपीएफ कर्मी अमित कुमार शर्मा, सीआरपीएफ कर्मी पवन शर्मा व सीआरपीएफ कांस्टेबल सुनील शर्मा, शिक्षक जगदीश कुमार, पूर्व उपमुख्यमंत्री के पीआरओ रहे विजय, भर्ती में बिचौलिये का काम करने वाले राकेश कुमार, थोड़ू राम एंड संस के घरों पर दबिश दी गई है. सीबीआई प्रवक्ता के अनुसार हरियाणा के रेवाड़ी में चार्टर्ड अकाउंटेंट अजय कुमार अरोन के घर पर भी कार्रवाई की गई.
क्या है पूरा मामला
जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) की तरफ से जम्मू-कश्मीर पुलिस में सब इंस्पेक्टर के 1200 पदों पर 27 मार्च 2022 को परीक्षा ली गई थी. इसमें 90 हजार उम्मीदवार शामिल हुए थे. चार जून को परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ. परिणाम घोषित होते ही अनियमितताओं की बात सामने आई तो 10 जून को सरकार ने इस मामले की जांच कराने के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी गठित की. कमेटी ने भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की और उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सीबीआई जांच की सिफारिश की.
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