धर्मचंद खन्ना
डेरा गाजीखान, पाकिस्तान
एकाएक पड़ोसी मुसलमानों ने यह संदेशा दिया कि जितनी जल्दी हो, यहां से सभी लोग निकल जाओ, क्योंकि बहुत जल्दी आपके घर हमला होने वाला है और बाहरी लोग आप सबको मार डालेंगे।
माहौल बिगड़ना शुरू हुआ तो डर के चलते मोहल्ले के सभी लोग एक जगह एकत्र हो गए और फिर सबने गांव छोड़ने का निर्णय लिया।
हम गाड़ी में जानवरों जैसे भरे हुए थे। न पीने को पानी था और न ही खाने को खाना। बस चुपचाप बैठे हुए थे डरे-सहमे। किसी तरह हम हरियाणा के कैथल पहुंचे, जहां हम सभी को एक सराय में ठहराया गया।
आज जब उस मंजर की याद आती है तो एक ही ख्याल आता है कि हम हिंदू थे, इसलिए हम सभी को अपनी जमीन और घर से बेदखल होना पड़ा, भागने को मजबूर किया गया, मारा गया, बद से बदतर हालात बना दिए गए।
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