पलामू जिले के मुरूममातु गांव में लगभग 50 साल से रह रहे हिंदुओं के घरों को गांव के मुसलमानों ने तोड़ दिया और लोगों को वहां से भगा दिया। मुसलमानों का कहना है कि जिस जगह पर ये लोग रह रहे थे, वह मदरसे की जमीन है, जबकि हिंदुओं का कहना है कि यह जमीन सरकार ने उन्हें दी थी।
झारखंड में कट्टरपंथी मुसलमान दिनोंदिन और भी हावी होते जा रहे हैं। बड़कागांव के सिरमा में एक हिंदू नाबालिग के साथ बदतमीजी और उसके बाद दुमका की बेटी अंकिता सिंह को जिंदा जला देने की घटना को 2 दिन भी नहीं हुए कि अब पलामू जिले से एक और बड़ी खबर आ रही है। इस जिले के पांडू प्रखंड में एक मुस्लिम बहुल गांव है मुरूममातु।
इस गांव के 50 हिंदू परिवारों के घरों को स्थानीय मुसलमानों ने तोड़ दिया। इसके बाद इन परिवारों को उस गांव से जबरन निकाल भी दिया गया है। मुसलमानों का कहना है कि जिस जमीन पर ये परिवार रह रहे थे, वह मदरसे की जमीन है। निकाले गए हिंदुओं ने बताया कि 29 अगस्त को मुसलमानों की एक भीड़ ने उनके घरों को ध्वस्त कर दिया। इसके साथ ही उनके घरों से सामान निकाल कर एक वाहन पर जबरदस्ती लादकर छतरपुर प्रखंड के लोटो गांव के पास छोड़ दिया। नंदलाल मुसहर और राधा देवी के अनुसार करीब 50 लोग बरसात के मौसम में बेघर हो गए। उल्लेखनीय है कि ये लोग पिछले कई वर्ष से उस गांव में रह रहे थे।
पीड़ितों का कहना है कि जिस जमीन से उन्हें भगाया गया वह उन्हें सरकार की ओर से आवंटित की गई थी। अब मुसलमानों द्वारा यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि वह जमीन मदरसे के लिए है।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता धर्मदेव सिंह यादव ने कहा कि इन मुसहर परिवारों के घरों को ध्वस्त करना बहुत बड़ा अपराध है। अब तो स्थिति यह है कि इन परिवारों के पास रहने का कोई ठिकाना नहीं है। कुछ परिवार रोड पर ही खाना बना रहे हैं और कुछ परिवारों के पास खाने के लिए भी कुछ नहीं है।
पीड़ित परिवारों में से संजय मुसहर, जितेंद्र मुसहर, नंदलाल मुसहर, संतोष मुसहर, लक्ष्मी देवी रंजू देवी सहित कई लोगों ने पांडु थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।
इस मामले पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महादलित परिवार के घरों को मदरसे की जमीन बताकर तोड़ दिया गया, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार मौज-मस्ती में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार के संरक्षण में राज्य की जनसांख्यिकी बदलने की भी कोशिश की जा रही है। बता दें कि राज्य के कई इलाकों में जहां कभी हिंदू आबादी ज्यादा हुआ करती थी, अब वहां पर मुसलमानों की आबादी बढ़ गई है। इस कारण हिंदुओं को कई जगह से पलायन होने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अगर कोई हिंदू परिवार प्रतिकार करता है तो उन परिवारों को इतना परेशान किया जाता है कि हिंदू परिवार खुद-ब-खुद वहां से जाने को मजबूर हो जाता है। पिछले दिनों जामताड़ा में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली थी, जहां हिंदू दलित परिवारों की जमीन पर मुसलमानों ने कब्जा करके अपना घर बना लिया था।
कुल मिलाकर झारखंड में तुष्टीकरण चरम पर है जिसका नाजायज फायदा यहां के मुसलमान खुलकर उठाने लगे हैं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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