मदरसों में किस तरह की कट्टपंथी और नफरत भरी तालीम दी जा रही है इसका एक और उदाहरण देखने में आया है। बांग्लादेश का एक वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें एक छोटा बच्चा सवाल पूछने वाले से कहता है कि वह क्रिकेटर सौम्य सरकार से नहीं मिलना चाहता क्योंकि ‘वो तो हिन्दू क्रिकेटर है’।
बांग्लादेश के मदरसे हों या भारत अथवा पाकिस्तान के, वहां ऐसी ही कट्टर और नफरत भरी तालीम दी जा रही है। यह चीज इस वीडियो से फिर से उजागर हुई है। एक छोटी उम्र के मुस्लिम बच्चे में ऐसी सोच को देखकर सभ्य समाज के लोग हैरान हैं। उनके अंदर बार-बार यह सवाल उठता है कि आखिर मदरसे ऐसी कट्टरपंथी तालीम क्यों दिया करते हैं?
वायरल वीडियो संवाददाता बच्चे से सवाल करता है कि क्या वह सौम्य सरकार से मिलना चाहेगा? इस पर वह बच्चा कहता है, “सौम्य सरकार तो हिंदू क्रिकेटर है। मैं उससे नहीं मिलना चाहता।”
यानी वह बांग्लादेश के मुस्लिम क्रिकेटरों से तो मिलना चाहता है, लेकिन सौम्य सरकार से सिर्फ इसलिए नहीं मिलना चाहता क्योंकि वह हिंदू है! यह है उसके दिमाग में मदरसे में रोपी गई सोच। इस हैरान करने वाले वीडियो को बांग्लादेश में हिन्दुओं के हित में काम करने वाली संस्था ‘वॉइस ऑफ बांग्लादेशी हिंदू’ ने अपने ट्विटर हैंडल से साझा किया है।
इस वीडियो में जिस बच्चे से बातचीत दिखाई गई है वह बांग्लादेश के एक मदरसे में तालीम ले रहा है। वीडियो में संवाददाता बच्चे से सवाल करता है कि वह किस-किस क्रिकेटर से मिलना चाहेगा? इसके जवाब में वह 7-8 साल का बच्चा कहता है, “मैं मुश्फिकुर, मुस्तफिजुर रहमान, तसकीन अहमद और शरिफुल से मिलना चाहता हूं।” इसके बाद संवाददाता ने पूछा, क्या वह सौम्य सरकार से भी मिलना चाहता है! तो वह मुस्लिम बच्चा कहता है, “सौम्य सरकार तो हिंदू क्रिकेटर है। मैं उससे नहीं मिलना चाहता।” (देखें वह वीडियो)
https://twitter.com/VoiceOfHindu71/status/1560292924327219201?s=20&t=xMlTqDYkadRDUbMEUhOgLw
वीडियो में जो दिख रहा है उसका कट्टरपंथियों को हवा देने वाले मौलानाओं को जवाब देना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि मदरसों में ऐसी नफरती तालीम क्यों दी जा रही है।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शर्मनाक बताया जा रहा है। एक व्यक्ति ने लिखा है, “बांग्लादेश तो पाकिस्तान से भी बदतर लग रहा है। बस पाकिस्तान जितना खबरों में नहीं आता।” एक अन्य व्यक्ति ने लिखा है, “मुस्लिम बच्चे तक अपने मजहब को लेकर काफी साफ हैं। गफलत में हैं तो बस हिंदू। इनका सदियों से ब्रेनवॉश किया जा रहा है। वे नहीं जानते कि शैतान कभी नहीं बदलता, जो आखिरकार मूर्ख हिंदुओं को ग्रस लेगा।” एक और टिप्पणी है, “यह एक तरह का जहर है जो इस्लाम मजहब में बच्चों में भरा जाता है। लोग जितनी जल्दी इसे समझ लेंगे और कन्वर्ट होकर दूसरे पंथों को अपना लेंगे, इसके लिए उतना ही अच्छा होगा।”
उल्लेखनीय है कि पिछले करीब एक वर्श से बांग्लादेश में हिन्दुओं के प्रति नफरत, हिंसा, आगजनी, हत्या की अनेक घटनाएं हुई हैं। हिन्दुओं के धार्मिक स्थल तक वहां सुरक्षित नहीं रहे हैं। वे कट्टरपंथियों के निशाने पर रहते हैं। और मजहबी उन्मादी किसी न किसी बहाने उन्हें क्षति पहुंचाते हैं। पिछली दुर्गा पूजा पर अनेक दुर्गा पंडालों पर जिहादी हमले बोले गए थे, भक्तों की हत्याएं की गई थीं।
पिछले दिनों ही वहां केनमारी मंदिर में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा गया था। बहाना बनाया गया था कि मंदिर के प्रबंधकों ने मदरसे के कुछ छात्रों को मंदिर से सटे मैदान में फुटबॉल खेलने से रोका। बस नफरती सोच से भरे वे मुस्लिम छात्र गुस्से में आ गए और बाद में टोली बनाकर आए और मंदिर पर हमला कर दिया।
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