केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने सात राज्यों के 21 ठिकानों पर छापेमारी की है, जिसमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का घर भी शामिल है। दरअसल पिछले कुछ वक्त से नई शराब नीति पर दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने इस मामले की सीबीआई जांच को मंजूरी दी थी। सीबीआई ने इस मामले में 15 लोगों को आरोपी बनाया है।
इस मामले में जो एफआईआर हुई है उसमे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के अलावा तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपीकृष्णा, तत्कालीन आबकारी उपायुक्त आनंद तिवारी, आबकारी अतिरिक्त आयुक्त पंकज भटनागर, एंटरटेनमेंट एंड इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ऑनली मच लाउडर के सीईओ विजय नायर, पेरनोड रिकार्ड के पूर्व कर्मी मनोज राय, ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमनदीप ढल, इंडोस्प्रिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रु, बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा, फर्म बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, दिनेश अरोड़ा, फर्म महादेव लिकर्स, महादेव लिकर्स के वरिष्ठ अधिकारी सन्नी मारवाह, अरुण रामचंद्र पिल्लई, अर्जुन पांडे और अज्ञात का नाम शामिल है।
क्या है पूरा मामला
राजधानी दिल्ली में पहले शराब की बिक्री सरकारी दुकानों में होती थी और निर्धारित दर पर चुनिंदा स्थानों पर खुली दुकानों में शराब बेची जाती थी। दिल्ली सरकार ने गत वर्ष नवंबर माह में शराब की बिक्री के लिए नई आबकारी नीति को लागू किया।
इस नीति के तहत शराब की बिक्री की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को दी गई। दिल्ली सरकार का कहना था कि इससे व्यापार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उपभोक्ता कम कीमत पर शराब खरीद सकेंगे।
दिल्ली में नई आबकारी नीति को लागू करने के पीछे दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा तर्क शराब माफिया को खत्म करने और शराब के समान वितरण का था। साथ ही शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल कर दी गई। इसके साथ ही ड्राइ-डे कम किये गये। इस नीति के लागू होने से दिल्ली पहली सरकार बनी, जिसने शराब के व्यवसाय से खुद को अलग कर लिया।
दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021-2022 के तहत पूरी दिल्ली को 32 लिकर जोन में बांटा गया। वहीं 849 दुकानें खुलीं। 31 जोन में 27 दुकानें मिली। एयरपोर्ट जोन को 10 दुकानें मिलीं, जबकि 17 नवंबर 2021 को लागू होने से पहले दिल्ली में शराब की कुल 864 दुकानें थी, जिनमें 475 दुकानों को सरकार चला रही थी और 389 दुकानें निजी थीं।
उपराज्यपाल ने पकड़ा घपला
वहीं उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस नीति को लागू करने में हुई चूक और कथित अनियमितताओं के मामले में कड़ी कार्रवाई की।
नई आबकारी नीति बनाने में बरती गई अनियमितता को लेकर इसी महीने उप राज्यपाल की ओर से आबकारी विभाग के पूर्व कमिश्नर ए गोपी कृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी समिति ने 11 अधिकारियों को निलंबित किया गया था। यह कार्रवाई दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा उप राज्यपाल को सौंपी गई 37 पेज की रिपोर्ट के बाद की गई थी।
रिपोर्ट में सतर्कता विभाग की जांच को आधार बनाया गया है। सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस विभाग द्वारा दी गई रिपोर्ट में नई आबकारी नीति में कई तरह की कथित गड़बड़ियों का जिक्र है। इसमें हवाई अड्डे पर शराब की दुकान खोलने के लिए एयरपोर्ट ऑपरेटर से जरूरी दस्तावेज प्राप्त करने में कामयाब न होने वाले कंपनी को 30 करोड़ रुपये वापस किया जाना भी बताया गया है।
सूत्रों की माने तो इसी तरह कोरोना काल में लाइसेंस धारकों को 144 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देना, मैन्युफैक्चरर्स और ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को रिटेल में शराब बेचने का टेंडर मिलने, शराब कारोबारियों के एक साथ बिजनेस करने को आधार बनाया गया है।
दिल्ली के ‘एक्साइज’ मंत्री ‘एक्सक्यूज’ मंत्री बन गए
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली के ‘एक्साइज’ (आबकारी) मंत्री ‘एक्सक्यूज’ (बहाना बनाने वाले) मंत्री बन गए हैं। मामला शराब के कारोबार के लाइसेंस और इसमें शामिल भ्रष्टाचार से जुड़ा है। संबंधित मंत्री मनीष सिसोदिया हैं। उन्होंने सीबीआई को जांच सौंपे जाने के बाद आबकारी नीति को पलट दिया। साफ है शराब के कारोबार के लाइसेंस जारी करने में भ्रष्टाचार किया गया है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि जांच के डर से केजरीवाल को शिक्षा के बारे में बोलना पड़ा। यह शिक्षा की बात नहीं है, यह आबकारी नीति का मामला है। लोगों को मूर्ख मत समझिए। लोगों को जवाब चाहिए। आबकारी नीति में भ्रष्टाचार से केजरीवाल और सिसोदिया का असली चेहरा सामने आ गया है।
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