उत्तराखंड में ईसाई मिशनरियों का नया षडयंत्र सामने आया है। मिशनरियों से जुड़े पादरी, फादर ,इन दिनों जेल में जुर्माने नही अदा करने वाले कैदियों के खुद जुर्माना भर कर उन्हे रिहा करवाने में लगे है। खास बात ये है कि इनमे गैंगस्टर और ड्रग्स का धंधा करने वाले लोगो के नाम सामने आए है।
जानकारी के मुताबिक ईसाई मिशनरियों से सम्बद्ध पादरी रेवरन डा इग्नेटियस डिसूजा के साथ फादर डोमोनिक,फादर नवीन, प्रतिभा और मंजूषा आदि की टीम ने नैनीताल जेल का पिछले एक हफ्ते में चार बार दौरा कर के आठ ऐसे लोगो को चिन्हित किया जो कि गैंगस्टर और ड्रग्स से जुड़े मामलो में लिप्त रहे और यहां सजा काट रहे थे।जानकारी के मुताबिक इनकी सजा पूरी हो चुकी थी किंतु जुर्माना नही भरने की वजह से अतिरिक्त दिनो की सजा काट रहे थे।
जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नवीन कुमार, सूरज सिंह,दानिश चिकना तीनों गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध थे, माना यही जाता है कि पुलिस प्रशासन उन्ही पर गैंगस्टर एक्ट लगाता है जिनपर गंभीर मामले हो। सोनू चिक्की,सोनू सागर कंजड़ के खिलाफ एन डी पी एस के तहत मामले दर्ज हुए थे यानि ड्रग्स रखने के जुर्म में इन्हे सजा दी गई थी।,सागर गुरंग,कुलवंत सिंह और दीपक कश्यप तीन ऐसे लोग और है जिनपर अवैध शराब रखने या तस्करी करने के जुर्म में सजा और जुर्माना लगाया गया था।
जानकारी के मुताबिक इन आठ लोगो में एक बात सामान्य थी कि ये लोग ऐसे तबके से आते है जहां ईसाई मिशनरियां ,धर्मांतरण का काम कर रही है। जेल सूत्रों से जानकारी के मुताबिक नैनीताल जेल में 201 बंदी है जिनमे से 21 ऐसे है जिनकी सजा पूरी हो गई है और जुर्माना नही भर पाने की वजह से बदले में सजा काट रहे है। अब सवाल यही उठता है कि पादरियों या फादर ने केवल आठ ही क्यों चिन्हित कर 44000 रु जुर्माना भरा शेष को क्यों छोड़ दिया क्या वो सवर्ण समाज से थे?
इस मामले में अभी और जांच पड़ताल जारी है,उत्तराखंड में गंभीर अपराधो में लिप्त रहे लोगो के जुर्माने भर कर उन्हे रिहा कराने की ये पहली घटना है, हालंकि इस तरह को घटनाएं झारखंड ,केरल आदि राज्यों में ईसाई मिशनरियां करती रही है और रिहाई के बाद इन लोगो के परिवारों का धर्म परिवर्तन करवाने में ये मिशनरियां कथित रूप से “डील” करती है।
जेलर संजीव ह्यांकि ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि आठ लोगो के जुर्माने की रकम चर्च से जुड़े लोगो द्वारा भरी गई है। इनका एक दल पिछले दिनों तीन चार बार जेल में कैदियों से मिलने भी आया था।
टिप्पणियाँ