विभाजन : लाशों के बीच छिपकर बचाई जान
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

विभाजन : लाशों के बीच छिपकर बचाई जान

दरअसल भारत विभाजन का घाव इतना गहरा है कि आज भी दर्द महसूस होता है। उस समय मेरे परिवार में कुल 14 सदस्य थे और 11 को मुसलमानों ने मार दिया। मैं, तीन साल की मेरी चचेरी बहन और मेरे पिताजी ही बचे थे। मैं साढ़े 10 साल का था। भारत विभाजन के बाद हम लोगों को इतना प्रताड़ित किया गया

by पाञ्चजन्य वेब डेस्क
Aug 16, 2022, 05:04 pm IST
in भारत
पुरुषोत्तम लाल मेहता

पुरुषोत्तम लाल मेहता

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पुरुषोत्तम लाल मेहता 

सौवाल, झेलम, पाकिस्तान

दरअसल भारत विभाजन का घाव इतना गहरा है कि आज भी दर्द महसूस होता है। उस समय मेरे परिवार में कुल 14 सदस्य थे और 11 को मुसलमानों ने मार दिया। मैं, तीन साल की मेरी चचेरी बहन और मेरे पिताजी ही बचे थे। मैं साढ़े 10 साल का था। भारत विभाजन के बाद हम लोगों को इतना प्रताड़ित किया गया कि वहां से पलायन करना पड़ा।

हम सभी पिंड दादनखान में 23 सितंबर, 1947 को एक मालगाड़ी में बैठे। शाम को हमारी गाड़ी कामुकी मंडी पहुंची। यह मंडी लाहौर और गुजरांवाला के बीच है। कुछ देर में पुलिस आई और कहने लगी, ‘‘जिनके पास भी हथियार हैं, वे जमा करा दें, क्योंकि उन्हें भारत नहीं ले जा सकते।’’

यह उनकी चाल थी। यह सब जानते हुए भी हिंदुओं ने अपने हथियार उन्हें दे दिए। इसके बाद 24 सितंबर की तड़के सैकड़ों मुसलमान आए और कहने लगे, महंगे सामान और पैसे जमा कर दो, नहीं तो सभी मारे जाओगे। फिर उन लोगों ने जवान लड़कियों और महिलाओं को उतार लिया।

इन सबके बाद मुसलमान हर डिब्बे में तलवारों के साथ घुस गए और एक तरफ से हिंदुओं को काटना शुरू कर दिया। गाड़ी में 40 डिब्बे थे और हर डिब्बा खचाखच भरा हुआ था। अनुमान है कि गाड़ी में 6,000 हिंदू थे। इनमें लगभग 500 हिंदू ही बचे, लेकिन सभी घायल। मेरी आंखों के सामने ही मेरी मां, चाचा और अन्य संबंधियों को मार दिया गया। जब एक मुसलमान ने मेरे चाचा पर हमला किया तो उन्होंने मुझे अपने नीचे दबा लिया। उन्हें तलवार से काट दिया गया। वे 45 साल के थे। चाचा पर हमले के दौरान मेरी गर्दन और अंगुलियों पर तलवार की नोक लगी। उसके निशान आज भी हैं। मैं डर के मारे शवों के साथ दुबक गया।

यह मारकाट देर तक चली। इसी दौरान हिंदू सेना, जो पाकिस्तान से भारत लौट रही थी, की नजर हमारी गाड़ी पर पड़ी। उन्होंने हमलावरों को भगाया और घायलों को गुजरांवाला के एक अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में सभी डॉक्टर मुसलमान थे। हिंदू सेना ने चिकित्सकों को धमकाते हुए कहा कि यदि कोई घायल मरा तो तुम लोग भी नहीं बचोगे। इसके बाद उन्होंने घायलों का ठीक से इलाज किया। गुजरांवाला में हम लोग करीब 15 दिन रहे। उस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने हम लोगों की बड़ी मदद की। उन्होंने खाने और ठहरने की व्यवस्था की और उन्हीं की देखरेख में हम भारत आने के लिए दोबारा गाड़ी में बैठे।

Topics: हिंदू सेनाभारत विभाजन का घावआज भी दर्द महसूस होता
Share31TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

याचिका में कहा गया कि ताजमहल राजा मानसिंह का महल था, जिसका जीर्णोद्धार शाहजहां ने करवाया था

‘ताजमहल मानसिंह ने बनवाया, शाहजहां ने नहीं’ 1648 में बना तो मुमताज का शव 6 माह में कैसे आया? कोर्ट ने ASI को दिया आदेश

मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर और सटी हुई मस्जिद

मुक्ति की ओर ‘मथुरा’!

सीमाई राज्यों में घुसपैठ के कारण तेजी से जनसांख्यिकीय बदलाव हुए हैं

घुसपैठियों से घिरता भारत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies