स्वाधीनता का अमृत महोत्सव
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

स्वाधीनता का अमृत महोत्सव

हमारे देश ने तमाम व्यवधानों और संकटों को पार करते हुए इन ७५ वर्षों की यात्रा तय की है। यह यात्रा अपने आप में रोमांचित करने वाली है।

by दत्तात्रेय होसबाले, सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
Aug 15, 2022, 12:08 pm IST
in भारत, संघ, आजादी का अमृत महोत्सव
दत्तात्रेय होसबाले, सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

दत्तात्रेय होसबाले, सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आज जब देश की स्वाधीनता को ७५ वर्ष हो रहे हैं तो इस अवसर पर देश का हर नागरिक उल्लासित है। हमारे देश ने तमाम व्यवधानों और संकटों को पार करते हुए इन ७५ वर्षों की यात्रा तय की है। यह यात्रा अपने आप में रोमांचित करने वाली है। आज जब हमारे देश की स्वाधीनता को ७५ वर्ष हो रहे हैं तो देश की उपलब्धियां, चुनौतियां सभी हमारे सामने हैं। कैसे एक राष्ट्र ने स्वतंत्र होते ही विभाजन जैसी त्रासदी का सामना किया और विभाजन के कारण हुई हिंसा का दंश झेला। इसके तुरंत बाद सीमा पर आक्रमण का सामना किया, परन्तु ये चुनौतियां हमारे राष्ट्र के सामर्थ्य को हरा नहीं पायीं। हमारा राष्ट्र इन चुनौतियों का सामना करते हुए अपने लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत करता रहा। आज हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि कैसे हमारे देश के नागरिकों ने विभाजन और आक्रमण के दुःख झेलने के बाद १९५२ में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व को मनाया और भारत में लोकतान्त्रिक सरकार की स्थापना की।

भारत के समाज को समझना होगा

यह भारतवासियों का सामर्थ्य और इच्छाशक्ति ही थी, जिसने १९४७ के बाद लगातार भारत के छूटे हुए हिस्से गोवा, दादरा एवं नगर हवेली, हैदराबाद और पुड्डुचेरी को फिर भारत भूमि में मिलाने का प्रयास जारी रखा और अंत में नागरिक प्रयासों से लक्ष्य की प्राप्ति की। कई बार यह प्रश्न आता है कि एक राष्ट्र जिसको राजनीतिक स्वतंत्रता केवल कुछ वर्षों पूर्व मिली हो, इतना जल्दी कैसे कर सकता है? इसको समझने के लिए हमें भारत के समाज को समझना होगा। भारत का समाज सभी प्रकार के आक्रमण और संकट को सहते हुए भी अपने एकता के सूत्र को नहीं भूला। यदि भारत के स्वतंत्रता संग्राम को समझने का प्रयास करेंगे तो पाएंगे कि संघर्ष के पदचिन्ह नगरों, ग्रामों, जंगलों, पहाड़ों व तटीय क्षेत्रों हर जगह मिलते हैं। चाहे संथाल का विद्रोह हो या दक्षिण के वीरों का सशस्त्र संघर्ष, आपको सभी संघर्षों में एक ही भाव मिलेगा। सभी लोग किसी भी कीमत पर स्वाधीनता चाहते थे और वो यह स्वाधीनता केवल अपने लिए ही नहीं, अपितु अपने समाज और सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए चाहते थे।

स्वाधीनता के लिए भारतीय समाज की व्याकुलता इतनी थी कि वह इसके लिए हर प्रकार के त्याग और हर प्रकार के मार्ग पर चलने को इच्छुक थे। यही कारण है कि भारत की स्वतंत्रता के लिए लन्दन, यूएस, जापान हर जगह से प्रयास हुए। लन्दन स्थित इंडिया हाउस तो भारतीय स्वाधीनता का एक प्रमुख केंद्र बन गया था।

असंख्य नायक, लेकिन मकसद एक

भारत का स्वाधीनता आन्दोलन इतना व्यापक था कि उसने भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक सभी विभाजनों के परे जाकर भारत के जनमानस को एक किया। इसके लिए किसी एक का नाम लेना बेमानी होगा क्योंकि भारत के स्वाधीनता आन्दोलन में अनेकों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी। इनमें से कुछ का नाम हम जानते हैं और कुछ का नाम नहीं जानते हैं। यह एक आन्दोलन था, जिसके असंख्य नायक थे। मगर हर नायक का मकसद एक ही था।

यही कारण है कि स्वाधीनता के बाद देश को परम वैभव की ओर ले जाने का भाव देश की जनता के मन में था और यह इसके लिए राजनीतिक नेतृत्व पर निर्भर नहीं था। इसी कारण जब देश की लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर हमले का प्रयास, आपातकाल के रूप में हुआ तो देश की जनता ने उसकी सम्हाल की और स्वयं ही संघर्ष किया।

यह है भारत की मेधा शक्ति

आज जब हमारी स्वाधीनता को ७५ वर्ष हो रहे हैं तो हमें यह भी विचार करना होगा कि स्वाधीनता के शताब्दी वर्ष तक हमारे लक्ष्य क्या होंगे? आज जब सम्पूर्ण विश्व कोरोना और वैश्विक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है तो एक राष्ट्र के रूप में हमारे क्या लक्ष्य होने चाहिये? इसमें कोई संदेह नहीं कि पिछला दशक भारत के लिए अनेकों उपलब्धियों से भरपूर रहा है। चाहे वह भारत के नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करने का विषय हो, जिसमें स्वास्थ्य, आवास और वित्तीय समावेशन का विषय हो, यह सब यही परिलक्षित करता है कि भारत का समाज और नागरिक सशक्त हो रहा है। यह भारत की मेधा शक्ति ही है, जिसने कोरोना के समय, सबसे कम समय में सबसे सस्ती और सबसे सुरक्षित वैक्सीन का निर्माण किया। जिसने पूरे विश्व की सहायता की और करोड़ों जीवन की रक्षा की।

समरसता के लिए करने होंगे और प्रयास

इन सभी बातों के बाद भी, भारतीय समाज और एक राष्ट्र के रूप में हमें कई आंतरिक और बाह्य संकटों का न केवल सामना करना है, अपितु उसका समाधान भी ढूंढना है। भारत को अभी भी समरसता के लिए और प्रयास करने होंगे क्योंकि समाज जितना समरस होगा, उतना सशक्त होगा। इसलिए इस पर और भी कार्य करने की आवश्यकता है। आज भारतीय अर्थव्यवस्था तमाम संकटों के बाद भी आगे बढ़ रही है, मगर भारत की बढ़ी आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इसे और तेजी से प्रगति करनी होगी। इसके लिए आवश्यक है कि हम भारतीय उद्योगों और उपक्रमों को बढ़ावा दें। इसके बिना हम भारत की रोजगार की अपेक्षा को पूरा नहीं कर पाएंगे। भारत सही मायने में तभी सशक्त होगा, जब भारत स्वावलंबी होगा।

इस मुद्दे पर विचार करने की आवश्यकता

भारत की स्वाधीनता को जब आज ७५ वर्ष पूरे हो रहे हैं तो यह आवश्यक है कि हम विचार करें कि क्या भारत के नीति प्रतिष्ठान, वर्तमान के भारत की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप हैं। अगर वह नहीं हैं तो उसमे परिवर्तन कैसे हो सकता है, इस पर भी विचार की आवश्यकता है। आज हम बहुत सी ऐसी व्यवस्था देखते हैं, जिसमें एक साधारण आदमी अपने को असहज और असमर्थ पाता है, चाहे वह आज की न्यायिक व्यवस्था हो या राजनीतिक व्यवस्था। ये एक साधारण आदमी की पहुंच में सहजता और सुलभता से कैसे पहुंचे, इस पर विचार करने की आवश्यकता है।

भारत वैश्विक चुनौतियों का सामना तभी कर सकता है, जब उसकी आंतरिक व्यवस्था मजबूत हो और आंतरिक व्यवस्था न केवल आर्थिक या न केवल सामाजिक सशक्तिकरण पर निर्भर है। भारत की आंतरिक व्यवस्था का समाधान आर्थिक और सामाजिक दोनों चुनौतियों के समाधान में निहित है।

Topics: स्वाधीनता का अमृत महोत्सवराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघदत्तात्रेय होसबालेswadhinta ka amrut mahotsav
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने सोमवार को केशव कुंज कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के संबंध में जानकारी दी। साथ में  दिल्ली प्रांत के संघचालक अनिल अग्रवाल जी।

आरएसएस के 100 साल:  मंडलों और बस्तियों में हिंदू सम्मेलन का होगा आयोजन, हर घर तक पहुंचेगा संघ

भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए राज्यपाल राजेन्द्र आर्लेकर

राजनीति से परे राष्ट्र भाव

indian parliament panch parivartan

भारतीय संविधान और पंच परिवर्तन: सनातन चेतना से सामाजिक नवाचार तक

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies