हाईस्कूल-इंटर तक की पढ़ाई करते करते ही छात्रों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकार प्रवीण योजना शुरू की है। उत्तर प्रदेश सरकार रोजगार परक शिक्षा तथा कौशल विकास की योजनाओं पर विशेष ध्यान दे रही है। शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास मिशन के साझा प्रयास से प्रदेश में एक अनोखी योजना की परिकल्पना की गयी है। कौशल विकास मिशन के सर्टिफिकेट कोर्स को माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई के समय में ही संचालित किया जा रहा है, जिससे यदि कोई छात्र कक्षा 10 या कक्षा 12 के बाद पढ़ाई नहीं करता है तो भी उसके पास रोजगार के लिये एक सर्टिफाइड कौशल उपलब्ध होगा।
प्रवीण योजना के अंतर्गत राजकीय स्कूलों के विद्यार्थियों में वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से जॉब रेडी स्किल्स डेवलप किया जाएगा। इसमें हर कार्यदिवस में स्कूल टाइम के दौरान में निःशुल्क सर्टिफिकेशन कोर्स संचालित किया जाएगा। कौशल विकास मिशन के डायरेक्टर आंद्रा वामसी के अनुसार सरकार की ओर से छात्र-छात्राओं को 11 विभिन्न ट्रेडों की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्यूटी एंड वेलनेस, ओडीओपी, रिटेल, ऑटोमोबाइल सहित कई रोजगारपरक विषय शामिल हैं। ट्रेनिंग पूरी होने पर विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए कुल 150 विद्यालयों को चुना गया है। इसमें प्रत्येक जिले में 2 स्कूलों का चयन होगा, जिसमें लड़कों का एक हायर सेकेंडरी स्कूल और लड़कियों का एक हायर सेकेंड्री गर्ल्स स्कूल होगा। वर्ष 2022-23 में सरकार का लक्ष्य कक्षा 9 से 12 तक के 21 हजार छात्र-छात्राओं को स्किल्ड बनाने का है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग प्रवीण योजना के लिये इच्छुक विद्यार्थियों को चयनित करेगा तथा उनके लिए विशेष कक्षा का आयोजन कराया जाएगा। इसके साथ ही कौशल विकास मिशन की ओर से ऐसे विद्यार्थियों की ट्रेनिंग से संबंधित खर्चों को वहन किया जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से कई ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं जिनके द्वारा आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री की प्रेरणा से माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रवीण योजना को लेकर जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं।
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