उत्तराखंड सरकार ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरों रेंज में हुए भ्रष्टाचार मामले में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति विजलेंस विभाग को दे दी है। इस मामले में आईएफएस और अन्य वन विभाग के उच्च अधिकारी, जांच में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए थे।
जानकारी के मुताबिक पाखरों रेंज, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में टाइगर सफारी बनाई जानी थी। वन विभाग के अधिकारियों ने इसे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बताकर झूठा प्रचार किया और यहां बिना वित्तीय स्वीकृति के सरकारी धन को ठिकाने लगा दिया। अवैध रूप से पेड़ो का कटान भी किया। जिस पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने नोटिस दिया और वन विभाग के अधिकारियों का जवाब तलब किया। साथ ही सरकार ने भी इस प्रकरण की विभागीय जांच करवाई। जिसके बाद कई आईएफएस अधिकारियों को नोटिस भी जारी हुए और तबादले भी हुए।
भ्रष्टाचार और आपराधिक कृत्यों के आरोप पर उत्तराखंड सरकार ने विजलेंस विभाग से जांच करवाई और आखिकार इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए विजलेंस विभाग को दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की इजाजत दे दी। ये मुकदमा हल्द्वानी विजलेंस कार्यालय में दर्ज किया जाएगा। इस मामले में आईएफएस किशन चंद सहित तीन अन्य आईएफएस आरोपी बनाए गए हैं और अन्य विभागीय अधिकारियों पर धन गबन के आरोप तय किए गए हैं।
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