बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में वाराणसी के सुलेमापुर गांव के जूडो खिलाड़ी विजय यादव ने कांस्य पदक देश के नाम किया। विजय के परिजनों और गांव वालों को जब यह खबर मिली तो वे झूम उठे। गांव में लोग ढोल-नगाड़ों की थाप पर जमकर झूमे। परिजनों को बधाई देने वालों की भीड़ लग गई। विजय ने 58 सेकेंड में साइप्रस के खिलाड़ी को 10 – 0 से मात दी। उन्होंने पुरुषों के 60 किलो भार वर्ग में भारत के लिए कांस्य जीता है। इससे पहले सुशीला देवी ने महिला वर्ग के 48 किलोग्राम में भारत को रजत पदक दिलाया था।
विजय के पिता दशरथ यादव ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। प्राइवेट काम में पैसा बहुत नहीं मिलता था। विजय बचपन में बहुत चंचल थे। हमेशा हवा में हाथ पांव चलाते रहते थे। आज वही विजय देश के लिए मेडल जीत कर लाए हैं। विजय की मां चिंता देवी ने कहती हैं कि मेरे बेटे ने मेरे सपना पूरा कर दिया। देश के लिए मेडल लाया जो एक मां के लिए सबसे बड़ा उपहार है। विजय ने वर्ष 2012 में ताइपे यूथ एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक और 2013- चीन में यूथ एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता.। 2107- हांगकांग में एशियन चैंपियनशिप में पांचवें स्थान पर रहे और 2017-हंगरी में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लिया। 2018- नेपाल में दक्षेस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
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