कानपुर में तीन जून को हुई हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत भी कार्रवाई हुई है। कानपुर हिंसा में उत्तर प्रदेश सरकार की अब तक की ये सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। अनुमान है कि जफर हयात हाशमी अब आसानी से जेल से नहीं छूट पाएगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में तीन जून को जुमे की नमाज के बाद जमकर बवाल हुआ था। कट्टरपंथी मुसलमान नूपुर शर्मा के बयान का विरोध कर रहे थे। मुसलमानों ने बाजार को बंद कराने का प्रयास किया। इस दौरान वहां पर बवाल हो गया। बवाल बढ़ने के बाद मौके पर पथराव होने लगा। उपद्रवियों ने बमबाजी की और हवा में गोली भी चलाई। कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा था। कुछ लोगों को आंशिक रूप से चोट भी आई थी। कानपुर में हुई उस हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून एवं व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद कहा था कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने अतिरिक्त पुलिस बल कानपुर के लिए रवाना करके स्थिति को नियंत्रित किया था। पुलिस ने समय रहते ही इस उपद्रव को नियंत्रित कर लिया और उपद्रव करने वालों को गिरफ्तार कर लिया था। उपद्रव की साजिश रचने वाला भी लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था।
यह भी उल्लेखनीय है कि कानपुर की हिंसा के बाद प्रयागराज में भी हिंसा हुई थी। उसके बाद कई शुक्रवार को धारा 144 लागू की गई। हिंसक घटनाओं के बाद कानपुर जनपद की पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया। किसी भी तरह का धरना – प्रदर्शन एवं जुलूस पर प्रतिबंध लगाया गया। शहर के संवेदनशील इलाकों में पुलिस को तैनात करना पड़ा था। जुमे की नमाज के समय पुलिस को विशेष रूप से सतर्क किया गया था।
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