बाघों का संरक्षण बढ़ा और मौत का आंकड़ा भी
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

बाघों का संरक्षण बढ़ा और मौत का आंकड़ा भी

एक अनुमान के अनुसार देश में बाघों की संख्या तीन हजार के आसपास है, जबकि पिछले छह महीने में विभिन्न कारणों से 74 बाघों की मौत हुई है।

by दिनेश मानसेरा
Jul 29, 2022, 11:37 am IST
in उत्तराखंड
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जिम कॉर्बेट पार्क । देश में बाघों की आबादी बढ़ रही है, वहीं बाघों की मौत भी चिंता का कारण बन रही है। एक अनुमान के अनुसार देश में बाघों की संख्या तीन हजार के आसपास है, जबकि पिछले छह महीने में विभिन्न कारणों से 74 बाघों की मौत हुई है।

विश्व बाघ दिवस के दिन भारत में बाघों के संरक्षण की चर्चा जरूर होती है। वर्ष 2018 के बाद अब 2022 में बाघों की संख्या का आंकड़ा आने वाला है। संभवतः इस बार संख्या तीन हजार के पार हो जाएगी। देश में गिनती के बाघ रह गए हैं, इस बात की चिंता करते हुए देश में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के 53 जंगलों को टाइगर रिजर्व बनाया गया और बाघों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण का भी गठन किया गया। एनटीसीए देश के सभी टाइगर रिजर्व पर निगरानी रखती है और उन्हे प्रबंधन में सहायता करती है।

यही वजह है कि भारत में 2010 साल में 1706 बाघ थे, 2014 में इनकी संख्या 2226 हो गई थी और 2018 में ये संख्या बढ़कर 2967 तक जा पहुंची, वर्तमान में बाघों की संख्या तीन हजार से अधिक बताई जा रही है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि 2018 में हुई बाघों की गिनती में एक साल से छोटे बाघों को गिना नहीं जाता जो अब बड़े हो चुके हैं।

एनटीसीए के पास पिछले बीस सालों का हर दिन का आंकड़ा है कि कहां बाघ की मौत हुई कहां बाघिन ने बच्चों को जन्म दिया। बाघ प्राधिकरण के द्वारा हर टाइगर रिजर्व में सीसीटीवी के जरिए निगरानी की जाती रही है। पिछले तीन सालो में देश में 329 बाघों की मौत हुई है यानि हर तीसरे दिन एक बाघ का शव मिला है। सबसे ज्यादा मौतें टाइगर स्टेट कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में हुई हैं। पिछले छह सालों में मध्य प्रदेश में 170 बाघों की मौत हुई है और पिछले छह महीने में इस राज्य में 27 बाघों की मौत का रिकॉर्ड एनटीसीए ने दर्ज किया और मध्य प्रदेश सरकार से अपनी नाराजगी भी जाहिर की है। बाघों की उम्र जंगल में दस से बारह साल तक की होती है। जब पांच से सात साल के बाघों की मौत होती है तो राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण अपनी नाराजगी जरूर जाहिर करता है, एमपी में हुई बाघों की मौतों पर भी प्राधिकरण की नाराजगी इस वजह से थी।

उत्तराखंड में पिछले 21 सालों में 144 बाघों की मौत हुई, लेकिन यहां बाघों की संख्या में खासी वृद्धि भी हुई। 2018 में उत्तराखंड के टाइगर रिजर्व में 442 बाघों की संख्या दर्ज हुई, यहां टाइगर रिजर्व से लगे हुए वेस्टर्न सर्कल में भी दो दर्जन से ज्यादा बाघ दिखाई दिए। माना जाता है कि बाघों का भी अपना-अपना क्षेत्र होता है। जवान बाघ, बूढ़े बाघ को अपने इलाके में आने नहीं देता, लिहाजा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से जवान बाघों ने उम्रदराज बाघों को अपने जंगल से बाहर कर दिया है। यही वजह है कि इस वक्त बाघ तराई, वेस्टर्न सर्किल और पहाड़ों के जंगलों तक पहुंच गए हैं।

वर्तमान में उत्तराखंड में हर साल 26 बाघ औसतन बढ़ रहे हैं। अकेले कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में ही बाघों की संख्या करीब 250 दर्ज की गई है। उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसके सभी तेरह जिलों में बाघों की मौजूदगी सीसीटीवी में दर्ज हुई है। उत्तराखंड में राजा जी और कॉर्बेट, दो टाइगर रिजर्व हैं जिनकी निगरानी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण करता है। उत्तराखंड सरकार ने कई बार ये प्रस्ताव केंद्र और प्राधिकरण को भेजा है कि वो टाइगर रिजर्व से बाहर रहने वाले बाघों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए भी गाइड लाइन तैयार करे और फंड जारी करे, किंतु इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है और इन बाघों की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है।

29 जुलाई को वर्ल्ड टाइगर डे मनाया जाता है

इस दिन देश दुनिया में बाघों की संख्या, संरक्षण, सुरक्षा पर चर्चा होती है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण अपनी घोषणाएं करता है और बाघों के संरक्षण के विषय में अपनी कार्य योजना भी पेश करता है।

Topics: Protection of tigersबाघों का संरक्षणविश्व बाघ दिवस
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

विश्व बाघ दिवस: भारत में 2019-2022 के बीच 24 प्रतिशत बढ़े बाघ, गंभीर खतरों का करते सामना

उत्तराखंड : बाघों की सुरक्षा, संरक्षण पर लापरवाह है वन विभाग, वेस्टर्न सर्कल में 400 फॉरेस्ट गार्ड की कमी

प्रतीकात्मक चित्र

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा, संरक्षण पर उठ रहे सवाल, वन सचिव ने बैठाई जांच

प्रतीकात्मक चित्र

बाघ परियोजना : 50 साल में बढ़ा बाघों का कुनबा, अभी और काम करने की है जरूरत

दिलीप खटाऊ (फाइल फोटो)

बाघों के संरक्षण में काम करने वाले दिलीप खटाऊ का निधन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies