विश्व के 78 देशों में मंकीपॉक्स फैल चुका है। इसके मरीजों की संख्या 18 हजार के पार पहुंच गई है। इसके साथ ही भारत में भी मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ता जा रहा है। दिल्ली एनसीआर समेत कई शहरों में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मिरीज मिलने की खबरें सामने आई हैं। हालांकि अभी तक सिर्फ चार मरीजों की पुष्टि हुई है। मंकीपॉक्स को लेकर कई प्रदेश सरकारों ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है।
मंकीपॉक्स के मरीज मिलने से लोगों में चिंता बढ़ गई है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है। मंकीपॉक्स, कोरोना की तरह संक्रामक नहीं है। न ही यह कोरोना की तरह तेजी से फैलता है। फिर भी इसको लेकर सावधान रहने की जरूरत है। अगर किसी में मंकीपॉक्स के लक्षण महसूस होते हैं तो उसे तुरंत चिकित्सीय सलाह लेकर खुद को एकांतवास में कर लेना चाहिए। इसका इलाज आसानी से हो सकता है। केन्द्र सरकार इस संक्रमण को रोकने के लिए सभी उपाय कर रही है। इसमें आम लोगों का सहयोग जरूरी है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स का संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है। इसके प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार आना, पीठ और मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर दानें और चकते पड़ना, खुजली, सुस्ती, गला खराब होना, सिर दर्द, थकावट, बार-बार खांसी आना है। अगर आप पिछले 21 दिन में किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, जो मंकीपॉक्स से संक्रमित है और आपमें इनमें से कोई भी लक्षण दिख रहा है तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
मंकीपॉक्स संक्रमण से ऐसे करें बचाव
मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित से शारीरिक दूरी बनाकर रहें
कम पका हुआ मांस और दूसरे पशु उत्पादों को खाने से बचें
मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित जानवरों से भी दूरी बनाकर रखें
मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें
साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें
संक्रमित के संपर्क में आने पर साबुन से हाथ धोएं
संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर, कपड़े आदि सामान का इस्तेमाल न करें
क्या है मंकीपॉक्स का इलाज
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्स का अभी कोई ठोस इलाज मौजूद नहीं है, लेकिन चेचक की वैक्सीन मंकीपॉक्स पर 85% तक असरदार साबित है।
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