अब हर साल हरिद्वार में कुंभ होता है, ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस बार कांवड़ मेले में कुंभ के बराबर ही शिव भक्त कांवड़ियों ने धर्म नगरी में आकर गंगा में डुबकी लगाई और जल लिया।
करीब दो हफ्ते तक हरिद्वार में कांवड़ मेले की धूम रही। बीच में पांच दिन पंचक के दिनों को छोड़कर रोजाना 40 से 50 लाख शिव भक्त कांवड़ियों ने गंगा में डुबकी लगाई और कांवड़ भर कर अपने-अपने शिवालयों की तरफ पूजन के लिए रवाना हो गए। मंगलवार की शाम तक हरिद्वार कांवड़ियों से खाली हो गया था और हरिद्वार से ड्यूटी पर लगे हजारों पुलिसकर्मियों की वापसी भी शुरू हो गई। मेला मजिस्ट्रेट, चिकित्सा के लिए जुटे डॉक्टर्स की भी वापसी हो गई है।
एसएसपी हरिद्वार डॉ. योगेंद्र रावत ने कहा कि हमारा अनुमान था कि इस बार चार करोड़ कांवड़िए गंगा जल लेने आएंगे और ऐसा हुआ भी, छुट-पुट घटनाओं के बावजूद मेला शांति से संपन्न हो गया। इसमें सिर्फ पुलिस ही नहीं सभी का सामूहिक प्रयास था। हरिद्वार में कांवड़ बेचने वाले, टी शर्ट, कलश बेचने वाले छोटे बड़े कारोबारियों ने भी खूब कारोबार किया। एक अनुमान के अनुसार करीब तीन हजार करोड़ का कारोबार कांवड़ यात्रा मार्ग पर हुआ है। कहीं लंगर भंडारे, कहीं दूध, कहीं जूस, कहीं पानी तो कहीं मेहंदी से लेकर दर्द निवारण मसाज करने वालों ने अपने शिविर लगाए हुए थे। भगवा रंग के साथ-साथ इस बार तिरंगा ध्वज भी खूब बिकता दिखाई दिया।
अभी भी पश्चिम यूपी और पास के अन्य राज्यों की तरफ कांवड़ियों का पहुंचना जारी है, जो कि अगले दो दिनों में अपने-अपने शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे। कुल मिलाकर हरिद्वार गंगा नगरी ने सकुशल कांवड़ियों की मेजबानी करके अपना धर्म निभा दिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ मेले के संपन्न होने पर धर्म नगरी के नागरिकों और अधिकारियों को बधाई देते हुए आभार प्रकट किया है।
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