सीएम योगी ने भूजल सप्ताह समापन के अवसर पर जल संचय और संवर्द्धन से जुड़े लोगों को सम्मानित किया. इसी कड़ी में सीएम योगी ने बांदा के जल योद्धा उमाशंकर पाण्डेय को सम्मानित किया। इन्होंने न सिर्फ जिले की गहरार नदी के पुनर्जीवन में अहम भूमिका निभाई, बल्कि खुद अपने सिर पर मिट्टी ढोकर अभियान में श्रमदान किया। इस तरह अन्य नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए दिन-रात एक कर दिया। बता दें कि पाञ्चजन्य अपने कार्यक्रम पाञ्चजन्य #जलान्दोलन के दौरान इनके कार्य को देश-दुनिया के सामने रखा और दिल्ली में बुलाकर इन्हें सम्मानित भी किया।
सीएम योगी के हाथों से सम्मानित होने के बाद उन्होंने कहा- जिस विधि को मैं 25 वर्ष से वर्षा जल संरक्षण के लिए उपयुक्त बताते हुए प्रचार-प्रसार जन जागरण अपने संसाधनों से बगैर सरकार की सहायता के कर रहा था उसका नारा आज लोक भवन लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी में गूंजा मेरी परंपरागत जल संरक्षण विधि कामयाब हुई इसे मैं अपने जीवन की संघर्ष की उपलब्धि मानता हूं। उन्होंने इसके लिए पाञ्चजन्य का भी विशेष रूप से आभार व्यक्त किया.
इस संघर्ष के दौरान जिस किसी ने भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष मेरा सहयोग किया है मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं। प्रदेश के मुखिया ने उत्तर प्रदेश के मा. जलशक्ति मंत्री ने जिस तरीके से हमारे वर्षा जल संचयन को प्रदेश के लिए उपयुक्त माना है मेरे लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है।
मा. प्रधानमंत्री जी, नीति आयोग, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार, ने पहले ही इस विधि को देश के लिए उपयोगी माना था। आप सब मा मुख्यमंत्री जी के सम्मान समारोह में दिए गए उद्बोधन तथा मा. जल शक्ति मंत्री के विचारों को अवश्य सुने आज ज्यादा कहने का बताने का समय नहीं है।
मैं देश के लाखों किसानों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मेरे आह्वान पर अपने खेतों में बगैर सरकार की सहायता के मेड़बंदी अभियान को गति दी मेड़ों के ऊपर पेड़ लगाए मेरा उद्देश रहा है कि इस मेड़बंदी को आम जनता के दिल और दिमाग में स्थान पैदा कर आना था उसके फायदे समझाने थे, मैं अपने सभी अधिकारियों मीडिया से जुड़े साथियों किसान बंधुओं शिक्षाविदों वैज्ञानिकों सभी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं यह कामयाबी मेरी नहीं आप सब की है।
एक सफलाता के पीछे हजारों लाखों लोगों का श्रम होता है मेहनत होती है सहयोग होता है मैं आगे भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार बगैर सरकार की सहायता के समुदाय के आधार पर जल जंगल जमीन जन जानवर के प्रकृति के संतुलन के लिए अपनी सामर्थ्य के अनुसार कोशिश करता रहूंगा आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप मेरा इसी प्रकार मार्गदर्शन करते रहे सहयोग करते रहे यद्यपि मेरा प्रयास जल संरक्षण की दिशा में समुद्र के बूंद के बराबर है फिर भी मैंने अंधेरा अंधेरा कहने की बजाय मिट्टी के दीपक को जलाकर उजला करने की कोशिश की है कोशिश कामयाब होती है ऐसा मेरी मां ने कहा था।
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