अफगानिस्तान के न लोगों पर तुर्किए ने गाज गिराई है जो अफगानिस्तान में तालिबान के कुर्सी पर चढ़ बैठने के बाद अत्याचारो से बचने की उम्मीद में उस देश में पनाह ले चुके थे। मुसीबत में फंसे सैकड़ों अफगानी सिर्फ तुर्किए ही नहीं गए थे बल्कि उनके जिस देश की तरफ पैर पड़े जान बचाने को वे वहां पलायन कर गए थे। लेकिन अब लगता है उनके सिर पर मुसीबतों का पहाड़ टूटने वाला है। शुरुआत शायद तुर्किए से हो गई है।
कल तुर्किए की सरकार ने अफगान प्रवासियों को जबरदस्ती विमानों पर लादकर काबुल के लिए रवाना कर दिया। वे लोग हाथ—पैर जोड़ते रहे कि उन्हें वहीं रहने दिया जाए, काबुल न भेजा जाए लेकिन खुद को ‘मुसलमानों का रहनुमा’ बताने वाले राष्ट्रपति एरदोगन के कान पर जूं तक न रेंगी।
अफगानिस्तान की सत्ता पर अगस्त 2021 में इस्लामी लड़ाके तालिबान ने कब्जा कर लिया था। वहां उस वक्त हिंसा चरम पर थी। देश अस्थिरता की गर्त में उतर चुका था। आज भी वहां मानवीय संकट कम नहीं हैं। तिस पर शरिया की आड़ में मासूमों पर जुल्म जारी हैं। नित नए फतवे से लोग परेशान हो चले हैं। ऐसे में भला कौन वहां रहना चाहेगा और जो देश छोड़ गया वह क्यों लौटना चाहेगा!
देश के ऐसे हालात होने पर लाखों की संख्या में अफगान नागरिक अपना बोरिया—बिस्तर बांधकर दूसरे देशों में शरण ले चुके हैं। लेकिन तुर्किए गए अफगानी अब लौटने को विवश किए जा रहे हैं। कल ऐसे ही 215 अफगानियों को कई जहाजों से इस्तांबुल से काबुल भेजा गया।
अफगानिस्तान की खामा प्रेस ने तुर्किए की अनातोलियन एजेंसी के हवाले से बताया है कि गैरकानूनी तौर पर वहां रह रहे अफगानियों को अफगानिस्तान वापस भेजा जा रहा है। ऐसे कई लोग तुर्किए के विभिन्न स्थानों से राजधानी इस्तांबुल स्थानांतरित किए जा रहे हैं, जहां से उन्हें आगे काबुल भेजा जाएगा।
दरअसल इस साल की शुरुआत से अब तक तुर्किए प्रशासन ने ऐसे हजारों प्रवासियों को निर्वासित किया है। तुर्किए के गृह मंत्रालय के अनुसार, 27 जनवरी 2022 से अफगानिस्तान के लिए उड़ानें शुरू हुई थीं, उसके बाद से उस देश से अब तक 18,256 से अधिक अफगान नागरिकों को वापस अफगानिस्तान भेजा जा चुका है।
तुर्किए प्रशासन की ओर से बताया गया है कि अवैध रूप से देश में आने वाले लोगों ने वीसा और निवास संबंधी कानूनों को तोड़ा है, बिना परमिट के काम किया है, धोखाधड़ी की घटनाओं में शामिल पाए गए हैं। इस सबसे देश में नागरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हुआ है।
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