भारत सरकार ने नामीबिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत आठ चीते जल्द ही नामीबिया से भारत लाए जाएंगे। इनमें चार नर और चार मादा होंगे। ये चीते मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान पहुंचाए जाएंगे। बता दें कि भारत यात्रा पर आई नामीबिया की उप-राष्ट्रपति नानगली म्बुम्बा और केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने बुधवार को इस बाबत एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत भारतीय वन्य जीव महकमे के कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जबकि भारत वन्य जीव संरक्षण के दूसरे क्षेत्रों में नामीबिया को मदद करेगा। इस दौरान पर्यावरण मंत्रालय की ओर से कहा गया कि नामीबिया के अलावा दक्षिण अफ्रीका से भी चीते लाए जाएंगे। अगले पांच साल में अफ्रीकी देशों से कुल 30 चीते लाने की योजना सरकार की है। दूसरी तरफ 2010-12 में कई प्राणी उद्यानों का अध्ययन करने के बाद मध्य प्रदेश के श्योर जिले स्थित कुनो उद्यान को चीतों के लिए सबसे उपयुक्त पाया। यहां गिर से लाकर कुछ एशियाई शेरों को भी बसाया गया है। इसलिए नामीबिया से लाए जाने वाले चीतों को भी यहीं बसाया जाएगा। इसके बाद दूसरे उद्यानों में भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि यहां 36 चीते रखे जा सकते हैं।
सुप्रीम रोक हटने के बाद आ रहे चीते
अफ्रीका से चीते लाकर भारत में उन्हें बसाने की योजना 2012 में बनी थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इस योजना पर रोक लगा दी थी। अंतत: 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक हटा ली और सरकार को अफ्रीकी देशों से चीते लाकर कुनो में बसाने की अनुमति दे दी। चीतों की देखभाल का जिम्मा राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि चीता प्रोजेक्ट के तहत आने वाले 5 साल में करीब 30 से 40 चीते भारत लाए जाएंगे। इसके तहत कुनो के अतिरिक्त दूसरे स्थानों को भी तैयार किया जा रहा है। जिन चीजों को अभी नामीबिया से लाया जा रहा है, उन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इन चीतों को कॉलर आईडी से लैश किया जाएगा ताकि उसकी गतिविधि का पता चलता रहे।
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