प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा जालौन जिले की उरई तहसील के कैथेरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया गया। 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया था। इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया। कुल 296 किलोमीटर लंबे इस चार लेन वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में लगभग ₹14,850 करोड़ की लागत से किया गया है और आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है।
यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है। यह एक्सप्रेसवे सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों के लिए हजारों रोजगार का सृजन होगा। बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।
जानिए खास बातें
● जनपद चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरैया एवं इटावा के लोगों को विशेष लाभ।
● ₹14,800 करोड़ से निर्मित 296 किलोमीटर लंबा। 4 लेन (06 लेन तक विस्तारणीय)
● प्रवेश नियंत्रित होने के कारण सुरक्षित ईंधन व समय की बचत के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण होगा।
● 4 रेलवे ओवरब्रिज, 14 दीर्घ सेतु 286 लघु सेतु, 224 अण्डरपास 19 फ्लाईओवर, 6 टोल प्लाजा 7 रैंप प्लाजा का निर्माण पूर्ण। 13 स्थानों पर इण्टरचेंज की सुविधा मिलेगी।
● ग्रीन एक्सप्रेसवे, वाटर हार्वेस्टिंग पिट का निर्माण 7,00,000 पौधरोपण।
● 4 जनसुविधा परिसर एवं 4 स्थानों पर फ्यूल पम्प स्थापना का प्रावधान। सुरक्षा हेतु पुलिस पेट्रोलिंग केटल केचर वाहन एवं एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था।
● ट्रैफिक सुरक्षा हेतु एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम।
● एक्सप्रेसवे के बेहतर नेटवर्क एवं इन्टर कनेक्टिविटी से राज्य का हर छोर प्रदेश एवं देश की राजधानी से जुड़ेगा तीव्र-सुगम ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी के साथ रोजगार एवं निवेश के अवसरों में बढ़ोत्तरी होगी।
● बुंदेलखण्ड के कम विकसित क्षेत्रों में कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
● उत्पादन इकाइयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से जोड़ने हेतु औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा हैण्डलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भण्डार गृह, मण्डी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए उत्प्रेरक बनेगा।
● एक्सप्रेसवे शिक्षण, प्रशिक्षण एवं मेडिकल संस्थानों की स्थापना हेतु अवसर सुलभ होंगे।
● यूपी डिफेंस कॉरिडोर को गति मिलेगी।
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