यूपी में समाजवादी सरकार के दौरान एक मंदिर को तोड़ कर वहां मजार बना दी गई और अब योगी सरकार ने इस मामले की फाइल खुलवाई तो हकीकत सामने आई। इस मामले में कुल तेईस लोगो को नामजद किया गया है। जिनमे तहसील के अधिकारी भी शामिल हैं। जिले के थाना कोसीकलां में श्री बिहारीजी महाराज सेवा ट्रस्ट की जमीन के दस्तावेजों में जालसाजी कर मंदिर की जमीन पर मुस्लिमो द्वारा मजार बनाने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है।
इसमें प्रशासन के कर्मचारियों और अन्य कुल 23 लोगों को इस आरोपी बनाया गया है। नामजद लोगों में तत्कालीन तहसीलदार, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक एवं ग्राम प्रधान सहित सपा नेता भी शामिल हैं। पुलिस की एक टीम ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक गांव शाहपुर में 18 साल पहले उस वक्त ग्राम प्रधान जो कि समाजवादी पार्टी के नेता भी थे, लेखपाल के साथ मिलकर श्री बिहारीजी महाराज सेवा ट्रस्ट की भूमि पर स्थित मंदिर पर कब्जा कर जमीन के कागजातों में हेराफेरी करते हुए कब्रिस्तान भूमि में दर्शा दिया। पुराने जर्जर अवस्था में पहुंचे बिहारीजी मंदिर परिसर में 15 मार्च 2020 की रात ईदू, नासिर, हनीफ, शहीद, अशफाक, रिजवान, सलीम, राजू, जमाल, अख्तार, सुलेमान, अजीज, शकील, इंसाद, जाहिरा, मुस्ताक, जमील, शाहिद समेत 30 लोगों ने मंदिर के सिंहासन को तोड़कर उसे रातों रात मजार में बदल डाला।
मंदिर परिसर में ही बने कुएं को भी तोड़-फोड़कर बराबर कर दिया। इसका विरोध जब हिंदू ग्रामीणों ने किया तो आरोपियों ने इसे कब्रिस्तान की जमीन बता दिया। मामला जब प्रशासनिक अफसरों तक पहुंचा तो 2 सितंबर 2004 में बदले गए खसरा खतौनी संख्या के संबंधित कागजात दिखाकर उन्हे संतुष्ट कर दिया गया। 15 मार्च 2020 को इन लोगों ने बिहारीजी के क्षतिग्रस्त सिंहासन पर मजार का पक्का निर्माण कर इबादत शुरू कर दी। इस मामले को रामअवतार सिंह ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाते हुए पुराने दस्तावेज एकत्र करते हुए पुलिस में तहरीर दी, पुलिस प्रशासन ने इस मामले की जांच जब शुरू की तो सारी बातें एक-एक करके सामने सच साबित हो गईं। इसके बाद पुलिस ने अब रामअवतार की एफ आई आर पर शमशाद, भोला, उमर शेर, शमशेर, राजू, अशफाक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करते हुए आगे की कारवाई शुरू की है।
एसपी ग्रामीण श्रीश चंद ने बताया कि तत्कालीन सपा अध्यक्ष भोला खान पठान, रामवीर प्रधान, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार समेत 23 लोगों को नामजदों किया गया है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
योगी सरकार का कड़ा रुख
जानकारी के मुताबिक इस मामले की शिकायत प्रमाणों के साथ हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाई गई थी, जिसके बाद लखनऊ से मथुरा के जिला प्रशासनिक अधिकारियों को इस मामले की रिपोर्ट भेजने को कहा गया था। इस पर मथुरा पुलिस और प्रशासन हरकत में आया है।
टिप्पणियाँ