लोहे का ‘लोहा’ मानें
Thursday, August 11, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत

लोहे का ‘लोहा’ मानें

स्त्री स्वस्थ तो परिवार स्वस्थ, परिवार स्वस्थ तो समाज स्वस्थ और समाज स्वस्थ तो राष्ट्र स्वस्थ

पाञ्चजन्य ब्यूरो by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Jul 4, 2022, 11:30 am IST
in भारत
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

स्त्री स्वस्थ तो परिवार स्वस्थ, परिवार स्वस्थ तो समाज स्वस्थ और समाज स्वस्थ तो राष्ट्र स्वस्थ। लेकिन महिलाएं खास तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं। महिलाओं में खासतौर से एनीमिया यानी लौह की कमी एक बड़ी समस्या है। जरूरी है कि इस समस्या की गंभीरता को समझें और खान-पान को बेहतर करें

संभव है, आप थक जाती हों और आपको लगता हो कि घर-बाहर का काम करने के कारण ऐसा हो रहा है। हो सकता है कि आप चिड़चिड़ी हो गई हों, बराबर सिरदर्द की शिकायत हो जाती हो। अगर आपके साथ कुछ ऐसा है तो संभल जाएं, ये एनिमिया के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि खान-पान और दिनचर्या में सावधानियां बरतें ताकि इस तरह की समस्याओं को होने से ही रोका जा सके।

एनीमिया यानी खून की कमी। भारतीय महिलाओं में खून की कमी एक आम समस्या है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, महिलाओं में एनीमिया की समस्या अब भी चिंताजनक बनी हुई है। 15 से 50 वर्ष की लड़कियों और महिलाओं की आधी से अधिक आबादी में एनीमिया से पीड़ित है।

प्रकृति ने मातृ शक्ति को रचना करने की अद्भुत शक्ति दी है और इसी प्रक्रिया का अभिन्न अंग है- पीरियड या मासिक रक्त स्राव। इस दौरान शरीर से काफी खून निकल जाता है। इसके साथ खून में मौजूद आयरन (लौह) समेत अन्य खनिज भी निकल जाते हैं। शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में आयरन की अहम भूमिका होती है और लाल रक्त कोशिकाओं की हीमोग्लोबिन बनाने में। जब शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है तो आॅक्सीजन की भी कमी होने लगती है। इसी स्थिति को एनीमिया कहते हैं। महिलाओं में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 12 से 15.5 ग्राम प्रति 100 मिलीलीटर होता है।

Download Panchjanya App

ये लक्षण हैं तो संभलिए
एनीमिया के कारण थकान, चक्कर आना, चेहरे और पैरों में सूजन, सांस फूलना, भूख नहीं लगना, त्वचा के पीला पड़ जाने जैसी समस्याएं पनपती हैं। इसलिए अगर आप भी इनमें से किसी भी समस्या को महसूस कर रही हैं तो इसे नजरअंदाज न करें। जांच कराएं और दवाएं लें। वैसे अपने सामान्य जीवन में भी कुछ बातों का ध्यान रखना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। महिलाएं अक्सर अपने खान-पान का ध्यान नहीं रखतीं और इसका परिणाम यह होता है कि धीरे-धीरे वे बीमार होती जाती हैं। इसलिए जरूरी है कि अपने आहार में उन चीजों को शामिल करें जो इस तरह की समस्या को होने से रोकती हों।

गांवों के ज्यादातर लोग शौच के लिए खेतों में चले जाते थे तो वहीं शहरों में भी बड़ी आबादी ऐसी थी जिनके पास शौचालय की सुविधा नहीं थी। लेकिन केंद्र सरकार ने 2014 से लेकर 2019 तक 10 करोड़ से अधिक नए शौचालय बनवाए। अब 90 प्रतिशत से अधिक घरों में शौचालय बन चुके हैं। इस दिशा में बहुत कुछ हुआ है, इसमें कोई संदेह नहीं, लेकिन सार्वजनिक शौचालयों के क्षेत्र में अब भी काफी कुछ किया जानी बाकी है।

चुकंदर आयरन का एक स्मृद्ध स्रोत होता है और इसके सेवन से शरीर में खून की कमी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा पालक, पत्तागोभी, फूलगोफी, शलजम और शकरकंद का इस्तेमाल भी फायदेमंद होता है। मेवे में खजूर, किशमिश, बादाम के उपयोग से भी आयरन के कमी दूर की जा सकती है। फलों में खजूर, तरबूज, सेब, अंजीर, किशमिश, अनार आदि फायदेमंद होते हैं। यानी सस्ते से लेकर महंगे, हर तरीके के विकल्प मौजूद हैं जिनका चुनाव आप स्थिति के मुताबिक कर सकती हैं। हां, बेहतर हो कि आहार का चयन करते समय अपनी अन्य बीमारियों, अगर कोई हों, का भी ध्यान रखें या अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह ले लें। क्योंकि अगर आपको शुगर, थॉयरॉयड या कोई और समस्या है तो कुछ चीजों का परहेज करना जरूरी हो जाता है।
कैल्शियम की कमी तो नहीं!

क्या आप अपने बालों को लेकर परेशान हैं? क्या आपको लगता है कि आपके बाल रूखे हो गए हैं? क्या आपके बाल समय से पहले सफेद होने लगे हैं और आपको इन्हें दुरुस्त करने की चिंता सताने लगी है? हो सकता है कि आपके शरीर में कैल्शियम (चूने) की कमी हो गई हो। कैल्शियम की कमी वह धीमी प्रक्रिया है जिसके लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं और इसी चक्कर में बड़ी आबादी, खास तौर पर महिलाएं इसकी चपेट में आ जाती हैं।

कैल्शियम की कमी के कारण मांसपेशियों में ऐंठन, जोड़ों में दर्द, नाखूनों का नाजुक हो जाना और उनका आसानी से टूट जाना, घबराहट, मांस-पेशियों में हल्का-हल्का दर्द, नींद की कमी आदि समस्याएं होती हैं। हमारे शरीर के वजन का लगभग 14 प्रतिशत भार हड्डियों का होता है। यही हड्डियां शरीर को खड़ा रखती हैं। एक अनुमान के मुताबिक भारत में 20 प्रतिशत लड़कियों और 30 साल से अधिक की लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं में कैल्शियम की समस्या पाई जाती है। एक धारणा यह भी है कि कैल्शियम बच्चों के लिए जरूरी है, क्योंकि तब हड्डियां बन रही होती हैं। सच यह है कि कैल्शियम की जरूरत उम्र भर होती है। शुरुआती जीवन में हड्डियों को बनाने और बाद में उन्हें मजबूत बनाए रखने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है।

जीवन के शुरुआती चरण में मासिक धर्म, मध्य चरण में गर्भावस्था और बाद में रजोनिवृत्ति के दौरान शरीर में कैल्शियम की खपत बढ़ जाती है। अगर इस कमी को पूरा नहीं किया गया तो इससे कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। शुरुआती चरण में कैल्शियम की कमी को पकड़ पाना मुश्किल होता है, क्योंकि तब कोई स्पष्ट लक्षण नहीं आता और इसके गंभीर नतीजे सामने नहीं आते। लेकिन शरीर यदि शिकायत करने लगे और उस पर ध्यान नहीं दिया तो आपके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। कैल्शियम की कमी से गठिया, आॅस्टियोपीनिया, आॅस्टियोपोरोसिस, हाईपोकैल्शिमिया जैसे रोग हो सकते हैं और गंभीर स्थितियों में जानलेवा भी।

अगर आप अपने शरीर की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए खान-पान का ध्यान रखेंगी तो कैल्शियम की कमी नहीं होगी। इसके लिए दूध दही, पनीर, सोयाबीन मिल्क, मशरूम, हरी सब्जियां वगैरह खान-पान में शामिल करना फायदेमंद होता है। अगर मांसाहारी हैं तो मछली का सेवन करें। कैल्शियम शरीर में अवशोषित हो, इसके लिए शरीर में विटामिन-डी का स्तर ठीक रहना चाहिए। इसके लिए रोजाना 20-30 मिनट की धूप जरूरी है।

तीन चौथाई आबादी में विटामिन-डी की कमी
एक अनुमान के मुताबिक भारत की लगभग तीन चौथाई आबादी विटामिन-डी की कमी की समस्या से जूझ रही है और करीब 68 प्रतिशत महिलाओं में यह समस्या देखी जा रही है। सबसे पहले यह समझने की जरूरत है इसकी कमी क्यों हो रही है। हमने खुद को जिस तरह घर-दफ्तर की चारदीवारी के बीच कैद कर लिया है, जिस तरह छोटे शहरों और कस्बों तक में प्रदूषण बढ़ रहा है और समय की कमी के कारण प्रसंस्कृत खाने का चलन बढ़ रहा है, उससे विटामिन-डी की कमी हो रही है। यह समस्या कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिन महिलाओं में विटामिन डी की कमी होती है, उनमें दिल की बीमारियां, स्ट्रोक, मधुमेह और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था के दौरान यदि इसकी कमी हो जाए तो एक्लेप्सिया का भी खतरा हो जाता है। इनके अलावा भी उनमें तरह-तरह की समस्याएं हो सकती हैं, क्योंकि विटामिन-डी शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखता है। इसकी कमी कई तरह के बीमारियां और संक्रमण हो सकते हैं। वजन को नियंत्रित रखें, क्योंकि मोटापा बढ़ने से भी शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है।

यूटीआई है खतरनाक
महिलाओं में यूटीआई (यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन) एक बड़ी समस्या है और लगभग तीन चौथाई महिलाएं इसकी शिकार हो जाती हैं। महिलाओं के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि एक तो, देश में सार्वजनिक शौचालयों की कमी है, जो हैं भी, उनमें से अधिकतर में साफ-सफाई नहीं है। यूरिन (पेशाब) को रोकना अपने आप में कई तरह की समस्याओं की जड़ है। यूरिन के साथ हानिकारक बैक्टीरिया वगैरह भी निकलते हैं और अगर यूरिन को ज्यादा देर रोका गया तो इन बैक्टीरिया को किलेबंदी करने का मौका मिल जाता है। यूटीआई का इलाज तो है, लेकिन यह समस्या ही न हो, इसके लिए स्वच्छता जरूरी है। पानी शरीर की गंदगी को निकालने के लिए फिल्टर की तरह काम करता है, इसलिए रोजाना सात-आठ गिलास पानी पीना फायदेमंद होता है। करौंदे के जूस से इस तरह के संक्रमण को टालने में मदद मिलती है। गांवों के ज्यादातर लोग शौच के लिए खेतों में चले जाते थे तो वहीं शहरों में भी बड़ी आबादी ऐसी थी जिनके पास शौचालय की सुविधा नहीं थी। लेकिन केंद्र सरकार ने 2014 से लेकर 2019 तक 10 करोड़ से अधिक नए शौचालय बनवाए। अब 90 प्रतिशत से अधिक घरों में शौचालय बन चुके हैं। इस दिशा में बहुत कुछ हुआ है, इसमें कोई संदेह नहीं, लेकिन सार्वजनिक शौचालयों के क्षेत्र में अब भी काफी कुछ किया जानी बाकी है। 

Topics: स्त्री स्वस्थपरिवार स्वस्थसमाज स्वस्थएनीमियालौह की कमी
ShareTweetSendShareSend
Previous News

हिमाचल प्रदेश : कुल्लू में बड़ा हादसा, खाई में बस गिरने से स्कूली बच्चों समेत 16 की मौत

Next News

नेपाल में हुई भारी बारिश, तो अररिया में आई विनाशकारी बाढ़

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

योगी सरकार की योजना का असर : नि:शुल्क संस्कृत कोचिंग के छात्रों ने सिविल सेवा परीक्षा में लहराया परचम

योगी सरकार की योजना का असर : नि:शुल्क संस्कृत कोचिंग के छात्रों ने सिविल सेवा परीक्षा में लहराया परचम

हरदोई में बवाल, मुस्लिमों ने हिन्दुओं के घर पर किया पथराव और फायरिंग

हरदोई में बवाल, मुस्लिमों ने हिन्दुओं के घर पर किया पथराव और फायरिंग

क्रिकेटर ऋषभ पंत को धामी सरकार ने बनाया ब्रांड एंबेसडर

क्रिकेटर ऋषभ पंत को धामी सरकार ने बनाया ब्रांड एंबेसडर

रोडवेज बसों में आजीवन फ्री यात्रा कर सकेंगी बुजुर्ग महिलाएं, सीएम योगी ने किया ऐलान

रोडवेज बसों में आजीवन फ्री यात्रा कर सकेंगी बुजुर्ग महिलाएं, सीएम योगी ने किया ऐलान

हिंदू बस्ती में कट्टरपंथियों ने खुलेआम लगाए ‘सर तन से जुदा’ के नारे

हिंदू बस्ती में कट्टरपंथियों ने खुलेआम लगाए ‘सर तन से जुदा’ के नारे

त्यौहार हिन्दुओं के और महिमामंडन और परम्परा मुगलों से? यही तो है कल्चरल जीनोसाइड!

त्यौहार हिन्दुओं के और महिमामंडन और परम्परा मुगलों से? यही तो है कल्चरल जीनोसाइड!

भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तानी नागरिकों को बीएसएफ ने पाकिस्तानी रेंजरों को सौंपा

भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तानी नागरिकों को बीएसएफ ने पाकिस्तानी रेंजरों को सौंपा

हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, सीमा पर दिखा ड्रोन फायरिंग के बाद वापस लौटा

राजौरी में आत्मघाती आतंकी हमले के बाद नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में अलर्ट

देश के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में जगदीप धनखड़ ने ली शपथ

देश के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में जगदीप धनखड़ ने ली शपथ

महाराष्ट्र : औरंगाबाद-जालना में आयकर के छापे, नोट गिनते-गिनते अधिकारी पड़े बीमार

महाराष्ट्र : औरंगाबाद-जालना में आयकर के छापे, नोट गिनते-गिनते अधिकारी पड़े बीमार

  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping
  • Terms

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies