ऑस्ट्रेलिया में ताजा जनसंख्या ने कुछ रोचक आंकड़े सामने रखे हैं। वहां की आबादी आज दो करोड़ सत्तावन लाख से ज्यादा दर्ज की गई है। इस जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि देश में मूलत: भारतीय लोगों की तादाद गजब की तेजी से बढ़ रही है।
पता चला है कि ऑस्ट्रेलिया की हाल में हुई जनगणना के अनुसार, वहां कुल आबादी में ऐसे लोग 27 प्रतिशत से ज्यादा हैं जो आस्ट्रेलिया नहीं, किसी और देश में जन्मे हैं। और मजेदार बात यह है कि विदेशों में पैदा होकर आस्ट्रेलिया में बसे इन लोगों में भारत के लोगों की तादाद सबसे ज्यादा दर्ज की गई है, जो वहां विभिन्न जिम्मेदार दायित्व निभा रहे हैं और देश की तरक्की में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
इस मामले में भारतवंशियों ने चीन और न्यूजीलैंड में जन्मे लोगों को कहीं पीछे छोड़ दिया है। भारत में पैदा हुए और आज ऑस्ट्रेलिया में रह रहे लोग आबादी के लिहाज से आस्ट्रेलिया तथा इंग्लैंड के बाद तीसरे क्रमांक पर आ पहुंचे है।
कल यानी 28 जून को इस जनगणना के आंकड़े जारी किए गए जिनके अनुसार, आस्ट्रेलिया की कुल आबादी में से लगभग आधी यानी 48.6 प्रतिशत ऐसे लोगों की है जिनके माता अथवा पिता में से कम से कम कोई एक आस्ट्रेलिया से बाहर जन्मा था। ताजा जनगणना से यह भी स्पष्ट हुआ है कि पिछली यानी 2017 में हुई जनगणना के बाद से आस्ट्रेलिया में 10 लाख से अधिक 1,020,007 दूसरे देश से आए लोग बसे हैं।
जैसा पहले बताया, आस्ट्रेलिया में बसे आप्रवासियों में सबसे ज्यादा संख्या भारत से गए लोगों या उनके बच्चों की है। 2017 से अब तक इनकी तादाद में 2,17,963 लोगों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। और एक दिलचस्प तथ्य यह है कि भारत वालों के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मूलत: नेपाली लोगों की दर्ज की गई है। ऑस्ट्रेलिया में नेपालियों की भी संख्या लगभग दोगुनी होकर 12.37 प्रतिशत बढ़ी है। एक आंकड़ा बताता है कि 2016 के बाद, आस्ट्रेलिया में नेपाल से 67,752 से ज्यादा लोग आकर बसे हैं।
संख्याबल के अनुसार, आस्ट्रेलिया में विदेशी मूल के आप्रवासियों की संख्या में सबसे पहले आते हैं ब्रिटेन वाले, फिर हैं क्रमश: आस्ट्रेलिया मूल के लोग, फिर आयरलैंड, स्कॉटलैंड, चीन मूल के लोग हैं। ब्रिटेन वालों की आबादी है 33 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया वालों की 29.9 प्रतिशत, आयरलैंड वाले हैं 9.5 प्रतिशत, स्कॉटलैंड वाले 8.6 प्रतिशत तथा चीनी मूल के 5.5 प्रतिशत लोग हैं।
और एक दिलचस्प आंकड़ा बताता है कि आस्ट्रेलिया में गैर अंग्रेजी भाषा बोलने वाले टॉप 5 में भारत की पंजाबी भाषा भी है। सबसे ज्यादा गैर-अंग्रेजी भाषी लोग मंदारिन बोलते हैं, फिर हैं अरबी, उसके बाद वियतनामी, कैंटोनियाई और पांचवें नंबर पर है अपनी पंजाबी भाषा।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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