नामसाई (अरुणाचल प्रदेश) में आयोजित कल्याण आश्रम के केन्द्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक के दौरान कल्याण आश्रम के अध्यक्ष श्री रामचंद्र खराडी ने एक विज्ञप्ति जारी की है। इसमें राजग द्वारा श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने का स्वागत किया गया है। उन्होंने लिखा है कि कल्याण आश्रम के केन्द्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक अरुणाचल प्रदेश के नामसाई में चल रही है। इसी बैठक में यह सुखद समाचार मिला। आजादी के अमृत महोत्सव काल में संथाल जनजाति की एक महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का निर्णय ऐतिहासिक है, ऐसा कल्याण आश्रम का मानना है।
आगे कहा गया है कि भारतीय परंपरा एवं संस्कृति का अभिन्न घटक और एक गौरवशाली परंपरा का वाहक होने के बावजूद देश के जनजाति समाज को वर्षों से उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। देश के ऐसे एक बड़े समाज घटक की महिला को देश के सर्वोच्च पद पर बिठाने की जो पहल एनडीए सरकार ने की है इसके लिए हम प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी और एनडीए के सभी घटक दलों का अभिनंदन करते हैं। देश के 12 करोड़ से ज्यादा जनजाति समाज की उपेक्षा का परिमार्जन करने वाला यह एक ऐतिहासिक कदम है, ऐसा हमारा मानना है।
उड़ीसा की रहने वाली द्रौपदी जी का संपूर्ण जीवन संघर्षमय रहा है। अत्यंत प्रतिकूल परिस्थिति में राजनीतिक क्षेत्र में काम करते हुए उन्होंने राजनीति के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में भी अपना एक स्थान बनाया। इसी कारण झारखंड जैसे राज्य की राज्यपाल बनने का सौभाग्य भी उनको प्राप्त हुआ था। सामाजिक, राजनीतिक और राज्यपाल जैसे प्रतिष्ठित पद पर कार्यरत रहते हुए जो अनुभव उन्होंने प्राप्त किया है उसका उपयोग राष्ट्रपति पद पर नियुक्त होने के बाद संपूर्ण देश को होगा, ऐसा हमारा विश्वास है।
एनडीए के नेतृत्व वाली वर्तमान केंद्र सरकार ने द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर सामाजिक परिवर्तन की दृष्टि से एक सराहनीय कदम उठाया है। जनजाति समाज की सर्वांगीण उन्नति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रकट करने का एक अवसर सभी राजनीतिक पार्टियों को आगामी राष्ट्रपति पद के चुनाव में प्राप्त हुआ है। इसलिए देश की सभी राजनीतिक पार्टियों ने एक होकर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद पर निर्विरोध चुनने की दृष्टि से पहल करने का आवाहन भी हम सभी राजनीतिक पार्टियों से करते हैं।
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