मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का विजन है कि टिहरी झील किनारे पर्यटन नगरी की बसावट हो। दावोस की तर्ज पर यहां पर्यटन गतिविधियां संचालित हो और देश-दुनिया के पर्यटक यहां सस्ते पैकेज में वक्त बिताएं।

टिहरी झील करीब 47 किमी लंबी है। झील के दोनों तरफ पर्यटन गतिविधियों का एक प्लान तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चाहते हैं कि टिहरी को आधुनिक टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित किया जाए। इसके लिए उन्होंने पिछले कार्यकाल में पर्यटन सचिव दलीप जावेलकर को जिम्मेदारी दी थी। पर्यटन सचिव ने एक प्रोजेक्ट बनाकर उनके सम्मुख रखा था। इसमें टिहरी झील पर वाटर स्पोर्ट्स पॉइंट्स, टूरिस्ट रोड, मनोरंजन पार्क, साउंड लाइट शो पॉइंट्स, स्मार्ट सिटी की सुविधाएं, बायो डायवर्सिटी पार्क, फ्लोटिंग रेस्त्रां, होटल, तीन और पांच सितारा होटल, टेंट कॉलोनी, रोपवे को विकसित करने की योजना शामिल है।

दावोस और सिंगापुर में सैंटोजा की तर्ज पर यहां पर्यटक गतिविधियों का संचालन मुख्यमंत्री धामी देखना चाहते है। धामी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर केंद्र के नीति आयोग, ग्रामीण विकास, पर्यटन, सड़क परिवहन मंत्रालय स्वीकृति दे चुके हैं। इस प्रोजेक्ट पर 2030 लाख अमेरिकी डॉलर का खर्च आना है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भी इस पर मंजूरी देते हुए इसे एशियन डेवलपमेंट बैंक को भेज दिया है। जानकारी के मुताबिक अगले महीने बैंक का एक दल यहां प्रोजेक्ट रिपोर्ट को परखने के लिए आएगा।

मुख्यमंत्री धामी बताते हैं कि उत्तराखंड में पर्यटन से ही आर्थिक चक्र चलता है। टिहरी को एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है। पर्यटक यहां कम से कम चार दिन रुकें, ऐसी कोशिश के लिए हमें दावोस की तर्ज पर टिहरी के विकास पर काम करना है। टिहरी झील पर सी प्लेन भी उतारने की तैयारी कर रहे हैं। ये भी हमारे प्रोजेक्ट का हिस्सा है, यहां निवेश होगा साथ ही स्थानीय लोगों को पूरे साल रोजगार भी मिलेगा। उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट को एशियन विकास बैंक से मंजूरी मिल जाएगी क्योंकि यहां के संसाधन ऐसे है कि ऋण की वापसी भी आसानी से हो जाएगी।

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