पर्यावरण संवाद : भारत ने दुनिया को दिया वन्य जीवन फोरेंसिक विज्ञान - सुधीर मिश्र
Tuesday, July 5, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत दिल्ली

पर्यावरण संवाद : भारत ने दुनिया को दिया वन्य जीवन फोरेंसिक विज्ञान – सुधीर मिश्र

सुधीर मिश्र ने कहा कि 22 वर्ष की पर्यावरण वकालत के बाद यह समझ में आता है कि पर्यावरण के क्षेत्र में कानून की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है।

पाञ्चजन्य ब्यूरो by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Jun 14, 2022, 05:37 pm IST
in दिल्ली
सुधीर मिश्र, पर्यावरण विधिवेत्ता

सुधीर मिश्र, पर्यावरण विधिवेत्ता

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

पाञ्चजन्य द्वारा नई दिल्ली में 14 जून मंगलवार को आयोजित पर्यावरण संवाद के तीसरे सत्र में पर्यावरण विधिवेत्ता सुधीर मिश्र ने पर्यावरण और कानून पर बात की। अपने शुरुआती दिनों को याद करते श्री मिश्र ने कहा कि जब 22 वर्ष पूर्व उन्होंने पर्यावरण वकालत शुरू की तो लोगों ने उपहास किया कि दिवानी, फौजदारी, कॉरपोरेट, टैक्स वकालत की बात तो समझ में आती है, पर्यावरण वकालत क्या होती है।

सुधीर मिश्र ने कहा कि 22 वर्ष की पर्यावरण वकालत के बाद यह समझ में आता है कि पर्यावरण के क्षेत्र में कानून की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने एक मुकदमे को याद करते हुए बताया कि इटावा-मैनपुरी में एक वेटलैंड को खत्म कर विश्व बैंक की सहायता से एक हवाईअड्डा बनाया जाएगा। तत्कालीन राज्य सरकार के लिए यह मुफीद था क्योंकि यह तत्कालीन मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र था और विचार था कि हवाईअड्डा बनने से इटावा में बड़े महोत्सव हो सकेंगे। उस वेटलैंड में सारस आते थे। इस मुकदमे में पूरी चर्चा हुई कि सारस कहां से कहां तक की यात्रा करता है, सारस किसी खास जगह ही आकर क्यों रुकता है। अंतत: सर्वोच्च न्यायालय ने माना कि यह क्षेत्र सारसों का प्रवास क्षेत्र है और इसे नष्ट कर हवाईअड्डा बनाया जाना ठीक नहीं है। इस तरह विश्व बैंक की सहायता से बनने वाली यह परियोजना रद की गई। सर्वोच्च न्यायालय में एक विशेष पीठ बनी जो हर शुक्रवार को पर्यावरण संबंधी मुकदमों की सुनवाई करता है।

सुधीर मिश्र ने कहा कि स्वतंत्रता के समय देश में 9 प्रतिशत वन थे जो अब बढ़कर 16-17 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं। वन्यजीव संरक्षण पर बहुत काम हुआ। प्रोजेक्ट लॉयन, प्रोजेक्ट डॉल्फिन जैसे कई कार्यक्रम शुरू हुए, जिसके बाद इनकी संख्या बढ़ी। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि सरिस्का के सारे बाघ खत्म हो गए। इस पर एक समिति बनी जिसमें उनको भी शामिल किया। यह समिति वन्यजीव संरक्षण के तरीके जानने के लिए अमेरिका गई। वहां अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि वन्यजीवों का जितना बेहतर संरक्षण भारत में होता है, वह कहीं और नहीं होता। फिर आप अमेरिका में क्या सीखने आए हैं?

Download Panchjanya App

गुजरात की एक घटना का जिक्र करते हुए श्री मिश्र ने बताया कि 2007 में भावनगर के पास 18-20 शेरों के शिकार की सूचना मिली। तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। शेर क्यों मारे जा रहे हैं, कौन मार रहा है, मारने के बाद उसका क्या किया जा रहा है, इसकी पड़ताल के लिए 48 घंटे के भीतर श्री मिश्र को तत्कालीन गुजरात सरकार ने सलाहकार नियुक्त किया। पड़ताल में फोरेंसिक विशेषज्ञ भी शामिल किए गए। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने यह पता लगाने में सफलता हासिल की कि किन शिकारियों ने इन शेरों का शिकार किया है। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने शेरों के खून के साथ शिकारियों के खून का मिलान कर लिया। यहां से वन्यजीव फोरेंसिक विज्ञान में नया बदलाव आया। आज हर राज्य में फोरेंसिक विश्वविद्यालय हैं। इसमें वन्यजीव फोरेंसिक पर भी अलग से काम होता है।

श्री मिश्र ने कहा कि दिल्ली वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली का शीर्ष शहर है। 2015 में इस पर एक मुकदमा किया था। यह मामला अब भी चल रहा है। हमारी मौजूदा दिल्ली सरकार हर बार केवल हलफनामा भेजती है कि सड़कों पर उड़ रही धूल के लिए कौन जिम्मेदार है, पराली जलाने के लिए कौन जिम्मेदार है, पेड़ लगाने के लिए कौन जिम्मेदार है। यानी हलफनामे में केवल आरोप लगाए जाते हैं। श्री मिश्र ने अपील की कि पराली जलाने के लिए दिल्ली सरकार पहले पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराती थी कि पंजाब सरकार दिल्ली सरकार की नहीं सुनती। अब पंजाब में भी उसी पार्टी की सरकार है जिसकी दिल्ली में है। दिल्लीवासियों को चाहिए कि वह दिल्ली सरकार को पत्र लिखें कि अब वह पंजाब सरकार से पराली जलाने पर रोक के लिए कहे। दरअसल जब तक मानसिकता नहीं बदलेगी, समस्या का समाधान नहीं होना है। इस प्रदूषण का सर्वाधिक असर उस व्यक्ति पर पड़ता है जो सामाजिक स्तरीकरण में सबसे निचले स्तर पर है।

सरकार को चिट्ठियां लिखने के असर का जिक्र करते हुए श्री मिश्र ने एक घटना का जिक्र किया। देश में कई जगह नेवले को शुभ माना जाता है परंतु कर्नाटक में लगातार नेवले को मारे जाने की घटनाएं हो रही थीं। नेवला संरक्षित पशु में शामिल नहीं था। पता चला कि मुरादाबाद में पेंट उद्योग में नेवले की पूंछ का इस्तेमाल होता है जिसके लिए नेवले का शिकार हो रहा था। इस पर 1,05,000 स्कूली बच्चों ने दिल्ली उच्च न्यायालय को पत्र लिखा जिसके बाद नेवला को संरक्षित जीव घोषित किया गया। श्री मिश्र ने कहा कि अगर कोई कहता है कि भारत पर्यावरण के मामले में पिछड़ा है तो यह मानने योग्य तथ्य नहीं है। हमारे यहां वन्य क्षेत्र तो बढ़ा ही है, वन्य जीवों के संरक्षण में भी भारत आगे हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में अब न्यायिक सक्रियता घटी है और कॉरपोरेट क्षेत्र की ओर से स्वैच्छिक गतिविधियां काफी बढ़ी हैं।

Topics: परिचर्चा पर्यावरण कीपंचतत्व संस्कृति पर्यावरण संरक्षणपांचजन्यपर्यावरण संवादDialogue of creationdiscussion of environmentPanchatattva culture#panchjanyaenvironmental protectionऑर्गनाइजरenvironmental dialogueOrganizerसुधीर मिश्रसंवाद सृष्टि काsudhir mishra
ShareTweetSendShareSend
Previous News

ममता सरकार ने नहीं की मदद, अब कैंसर पीड़ित महिला का गोवा के स्वास्थ्य मंत्री कराएंगे इलाज

Next News

पर्यावरण संवाद : जलांदोलन से आया है बड़ा बदलाव – क्षिप्रा माथुर

संबंधित समाचार

हल्द्वानी लिटरेचर फेस्ट में जुटेंगे दिग्गज साहित्यकार, पाञ्चजन्य भी कर रहा है सहभागिता

हल्द्वानी लिटरेचर फेस्ट में जुटेंगे दिग्गज साहित्यकार, पाञ्चजन्य भी कर रहा है सहभागिता

भारत को भारत की आंखों से देखने का समय-स्वामी चिदानंद सरस्वती

भारत को भारत की आंखों से देखने का समय-स्वामी चिदानंद सरस्वती

ग्रीन हाइड्रोजन है देश का भविष्य : नितिन गडकरी

ग्रीन हाइड्रोजन है देश का भविष्य : नितिन गडकरी

पर्यावरण प्रहरियों का सम्मान

पर्यावरण प्रहरियों का सम्मान

कॉर्बन उत्सर्जन घटाने का नेपाल का प्रयास : डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा

कॉर्बन उत्सर्जन घटाने का नेपाल का प्रयास : डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा

चक्रीय अर्थव्यवस्था समय की मांग- साक्षी सारस्वत

चक्रीय अर्थव्यवस्था समय की मांग- साक्षी सारस्वत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जामिया मिलिया इस्लामिया में एससी/एसटी का आरक्षण खारिज, कुलपति तलब

जामिया मिलिया इस्लामिया में एससी/एसटी का आरक्षण खारिज, कुलपति तलब

कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन

कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन

डीएमके सांसद और पूर्व मंत्री राजा के अलगाववादी बोल, तमिलनाडु को स्वायत्तता देने की मांग

डीएमके सांसद और पूर्व मंत्री राजा के अलगाववादी बोल, तमिलनाडु को स्वायत्तता देने की मांग

जम्मू-कश्मीर: रिसासी पहुंचे डीजीपी दिलबाग सिंह, कहा-लोग ऐसी निडरता दिखाएं तो आतंकवाद का जड़ से हो जाएगा खात्मा

जम्मू-कश्मीर: रिसासी पहुंचे डीजीपी दिलबाग सिंह, कहा-लोग ऐसी निडरता दिखाएं तो आतंकवाद का जड़ से हो जाएगा खात्मा

क्या बरेली, कानपुर में हैं पाक परस्त मुस्लिम ? लाखों रुपए का चंदा भेजा जा रहा पाकिस्तान

क्या बरेली, कानपुर में हैं पाक परस्त मुस्लिम ? लाखों रुपए का चंदा भेजा जा रहा पाकिस्तान

जम्मू: चीनी स्मार्टफोन मोबाइल निर्माता कंपनी VIVO के कार्यालय पर ईडी का छापा

जम्मू: चीनी स्मार्टफोन मोबाइल निर्माता कंपनी VIVO के कार्यालय पर ईडी का छापा

अब बिहार में मिल रही है जान से मारने की धमकी

अब बिहार में मिल रही है जान से मारने की धमकी

वारकरी संप्रदाय और निर्मल वारी

वारकरी संप्रदाय और निर्मल वारी

दिल्ली से दुबई जा रहे स्पाइसजेट के विमान में तकनीकी खराबी, कराची में उतरना पड़ा

दिल्ली से दुबई जा रहे स्पाइसजेट के विमान में तकनीकी खराबी, कराची में उतरना पड़ा

एक बार समय निकाल कर काशी जरूर आइए, काशी बहुत बदल गई है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी 7 जुलाई को काशी में रखेंगे पावन पथ की आधारशिला

  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping
  • Terms

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies