केरल में सोने की तस्करी से जुड़े ‘हाई प्रोफाइल’ मामले में कल एक हैरतअंगेज मोड़ आया जब मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश ने अदालत में हैरान करने वाले खुलासे किए। उसकी बताई बातें इतनी संवेदनशील हैं कि उसे अपनी जान पर खतरा मंडराता दिख रहा है। इसीलिए अब स्वप्ना ने अदालत से उसे सुरक्षा उपलब्ध कराने की अपील की है।
इस सोना तस्करी मामले में आरोपित स्वप्ना सुरेश ने सीधे—सीधे केरल की वाम लोकतांत्रिक सरकार चला रहे मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और उनके परिवार की इस मामले में संलिप्ता होने का दावा किया है। स्वप्ना ने अदालत में बताया कि यही वजह है कि उन्होंने अपनी सुरक्षा की मांग की है।
सोना तस्करी प्रकरण की सुनवाई के क्रम में कल स्वप्ना कोच्चि की अदालत में पेश हुई थी। अपने बयान में उसने मुख्यमंत्री पिनारई विजयन, उनकी पत्नी कमला और बेटी वीणा के विरुद्ध कई हैरान करने वाली जानकारियां दीं। अदालत में पेश होने के बाद, स्वप्ना सुरेश ने मीडिया के सामने कहा कि पिनरई विजयन सोने की तस्करी के इस घोटाले में शामिल थे। उसने ये दावा भी किया विजयन 2016 में दुबई गए थे, जहां उन्हें नोटों से भरा एक बैग पहुंचाया गया था।
स्वप्ना सुरेश ने कहा कि इस मामले में केरल के मुख्यमंत्री और उनका परिवार ही नहीं, बल्कि उनके पूर्व प्रमुख सचिव एम. शिवशंकर, अतिरिक्त निजी सचिव सी.एम. रवींद्रन, पूर्व लोकसेवक नलिनी नेट्टो के साथ ही पूर्व मंत्री के.टी. जलील भी शामिल हैं।
हालांकि स्वप्ना इससे एक दिन पहले यानी 6 जून को ही ये बयान देकर केरल की राजनीति में हलचल पैदा कर चुकी थी कि कल यानी 7 जून को वह अदालत में एक अहम बयान देगी। उसने कहा था कि वह सोने की तस्करी से जुड़े सभी तथ्यों और इसमें शामिल लोगों के नाम का खुलासा करेगी। इस प्रकरण में नाम आने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने स्वप्ना को एक अन्य आरोपित संदीप नायर के साथ बेंगलूरू से गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के 16 महीने बाद स्वप्ना सुरेश को गत वर्ष नवंबर में जेल से रिहा किया गया था।
अरब देशों से की गई थी सोने की तस्करी
केरल में सोने की तस्करी का यह सनसनीखेज मामला पहली बार जुलाई 2020 में उजागर हुआ था। यह घोटाला तब आईटी विभाग में बड़े पद पर बैठी स्वप्ना सुरेश से शुरू होकर मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के कार्यालय तक जा पहुंचा था। स्वप्ना पर आरोप था कि उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 2 जुलाई, 2020 को ‘डिप्लोमेटिक इम्युनिटी’ की मदद से खाड़ी देशों से 30 किलो सोने की तस्करी की। इतनी बड़ी तादाद में ये सोना ‘डिप्लोमैटिक बैग’ में रखकर लाया गया था। इसका खुलासा हुआ 6 जुलाई को, जब कस्टम अधिकारियों ने यूएई कॉन्सुलेट में पीआरओ पद पर तैनात एक अधिकारी सरित से पूछताछ की। स्वप्ना पहले यूएई कोंसुलेट में ही एक अधिकारी थी।
स्पेस पार्क प्रोजेक्ट
स्वप्ना को केरल बुलाकर ‘स्पेस पार्क प्रोजेक्ट’ में काम दिया गया था। यह करते हुए उस बात को भी अनदेखा कर दिया गया कि उसके विरुद्ध अपराध शाखा का एक मामला चल रहा था। साथ ही गुप्तचर शाखा ने भी उसके विरुद्ध बयान दिया था। राज्य के दोनों प्रमुख विपक्षी दलों ने कम्युनिस्ट सरकार पर आरोप लगाया है कि वह स्वप्ना का बचाव कर रही है।
लाइफ मिशन प्रोजेक्ट
स्वप्ना के खाते से सुरक्षा एजेंसियों को मिले एक करोड़ रुपए के बारे में उसने कहा था कि ये पैसे उसे केरल सरकार से ‘लाइफ मिशन प्रोजेक्ट’ के एजेंट के तौर पर काम करते हुए कमीशन में मिले थे। ये प्रोजेक्ट केरल सरकार का अहम प्रोजेक्ट है, जो 2017 में शुरू किया गया था। इस प्रोजेक्ट का मकसद बेघरों के लिए घर बनाना था। इस प्रोजेक्ट में केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ही शीर्ष पर हैं, उन्होंने इसी प्रोजेक्ट के लिए 20 करोड़ रुपए का चंदा हासिल करने के लिए यूएई का दौरा किया था। इस पैसे को लेकर भी कई सवाल खड़े किए गए थे।
एनआईए ने किया था खुलासा
उल्लेखनीय है कि इस मामले का खुलासा एनआईए ने अगस्त 2020 में किया था। एजेंसी का कहना था कि गत 10 महीनों में केरल में करीब 150 किलो सोने की तस्करी की गई थी। एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया था कि जांच से सामने आया है कि ये तस्करी जेवर बनाने के लिए नहीं बल्कि आतंकी गतिविधियों के लिए की जाती थी, क्योंकि नकद लेन-देन करना मुश्किल हो गया था। एनआईए ने अदालत को यह भी बताया था कि आरोपियों ने सोने की तस्करी के लिए यूएई दूतावास की सील और राजकीय चिन्ह से छेड़छाड़ कर यह घोटाला किया था।
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