लौट आई गौरैया
Thursday, June 30, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत

लौट आई गौरैया

बचपन में दिखने वाली गौरैया के अब न दिखने पर वाराणसी के गोपाल कुमार ने गौरैया को बचाने के लिए एक फाउंडेशन की स्थापना की।

सुनील राय by सुनील राय
Jun 6, 2022, 02:56 pm IST
in भारत, उत्तर प्रदेश
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

बचपन में दिखने वाली गौरैया के अब न दिखने पर वाराणसी के गोपाल कुमार ने गौरैया को बचाने के लिए एक फाउंडेशन की स्थापना की। लोगों में जागरुकता बढ़ाने के साथ इस संस्था ने 18,000 से अधिक घोंसले वितरित किए जिनमें लगभग 30,000 से अधिक गौरैया आ कर रहने लगी हैं

ग्लोबल वार्मिंग ने गौरैया को लगभग विलुप्त ही कर दिया। आज गौरैया कहीं-कहीं ही देखने को मिलती है। जब गौरैया विलुप्त प्राय हो गई तो सरकार भी जागी और कुछ सामाजिक लोग भी आगे आए। इन्हीं में एक हैं वाराणसी के गोपाल कुमार। उन्होंने शुरुआत में कुछ मित्रों के साथ गौरैया संरक्षण अभियान शुरू किया था।

आज इस अभियान के चलते न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि अन्य प्रदेशों में गौरैया के संरक्षण को लेकर जागरूकता आई है। कुमार बताते हैं कि ‘अब कई जगहों पर घोंसलों में गौरैया वापस आ रही हैं। गौरैया की संख्या में पंद्रह से बीस प्रतिशत वृद्धि हुई है।’ कुमार ने गुजरात में नौकरी छोड़ वाराणसी में आकर अपना व्यापार शुरू किया। उन्होंने यह महसूस किया कि बचपन में दिखने वाली गौरैया अब नहीं दिखती। वर्ष 2017 के दिसंबर माह में गोपाल ने यह तय किया कि गौरैया के संरक्षण के लिए कुछ किया जाए। उन्होंने कुछ साथियों के साथ मिलकर वीवंडर फाउंडेशन की स्थापना की। इस फाउंडेशन का उद्देश्य पक्षियों को पर्यावरण में यथावत रखना है।

आनलाइन प्लेटफार्म के जरिये हम लोग करीब बीस लाख लोगों तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रहे। वीवंडर फाउंडेशन को गौरैया संरक्षण के लिए एक दर्जन से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं। फाउंडेशन ने एक लाख से अधिक पौधारोपण भी किया है। इन पौधों को गोद भी लिया गया और उनकी देखरेख की जा रही है। 

फाउंडेशन ने शुरुआत में घोंसले बनवाकर लोगों को दिए। करीब 6 महीने तक कोई प्रगति नहीं हुई। उसके बाद अचानक एक दिन कुमार के पास फोन आया कि घोंसले में गौरैया आ गई है। इसके बाद लोगों को बड़ी संख्या में घोंसले दिए गए। करीब 90 प्रतिशत घोंसलों में गौरैया आ गई। वहीं करीब दस प्रतिशत घोंसलों को पक्षियों की अन्य प्रजातियों ने अपना डेरा बनाया।

कुमार की टीम ने गौरैया के दाना-पानी का इंतजाम कराया। लोगों को जागरूक किया। लोगों को बताया गया कि अपने घर की छतों पर पानी की व्यवस्था करें ताकि गर्मी के मौसम में पक्षी, पानी पी कर अपनी प्यास बुझा सकें। इस प्रयास का असर अब दिखना शुरू हुआ है। कुमार ने बताया कि वीवंडर फाउंडेशन वाराणसी के आसपास सभी जिलों में लोगों के बीच जाकर, विद्यालयों, कॉलेज व शिक्षण संस्थानों में पक्षियों को पर्यावरण में बनाए रखने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है। पिछले 5 वर्षों से 18,000 से अधिक घोंसले वितरित किए गए हैं। इन घोंसलों में करीब 30,000 से अधिक गौरैया आकर रहने लगी हैं।

फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश के करीब दो सौ से ज्यादा स्कूलों में बच्चों को गौरैया का घोंसला बनाना सिखाया। कोरोना में लॉकडाउन के बाद फाउंडेशन ने आनलाइन ट्रेनिंग देना शुरू किया। कुमार बताते हैं कि आनलाइन प्लेटफार्म के जरिये हम लोग करीब बीस लाख लोगों तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रहे। वीवंडर फाउंडेशन को गौरैया संरक्षण के लिए एक दर्जन से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं। फाउंडेशन ने एक लाख से अधिक पौधारोपण भी किया है। इन पौधों को गोद भी लिया गया और उनकी देखरेख की जा रही है।

Topics: ग्लोबल वार्मिंगगौरैया का घोंसला
ShareTweetSendShareSend
Previous News

रामचंद्र के घर में लुकमान खां ने किया कब्जा, मौके पर पहुंची पुलिस पर हमला, सब इंस्पेक्टर समेत 3 घायल

Next News

अराजक तत्वों ने मंदिर में की तोड़फोड़, पुलिस ने शुरू की मामले की जांच

संबंधित समाचार

पर्यावरण योद्धा : पेड़ों और पहाड़ को समर्पित जीवन

पर्यावरण योद्धा : पेड़ों और पहाड़ को समर्पित जीवन

धधकती धरती

धधकती धरती

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बांदीपोरा: सुरक्षा बलों ने हाइब्रिड आतंकी को दबोचा, उत्तर कश्मीर में लश्कर के काडर को मजबूत करने का कर रहा था काम

बांदीपोरा: सुरक्षा बलों ने हाइब्रिड आतंकी को दबोचा, उत्तर कश्मीर में लश्कर के काडर को मजबूत करने का कर रहा था काम

मुक्तिगाथा : अमर बलिदानियों के शौर्य और भारत के स्वाधीनता संघर्ष की कहानी सुनाएंगे गीत

मुक्तिगाथा : अमर बलिदानियों के शौर्य और भारत के स्वाधीनता संघर्ष की कहानी सुनाएंगे गीत

कुलगाम: सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया, आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा-ऑपरेशन था बहुत महत्वपूर्ण

कुलगाम: सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया, आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा-ऑपरेशन था बहुत महत्वपूर्ण

पेरिस आतंकी हमला : गुनहगार सलाह अब्देसलाम को फ्रांस के इतिहास की सबसे कड़ी सजा

पेरिस आतंकी हमला : गुनहगार सलाह अब्देसलाम को फ्रांस के इतिहास की सबसे कड़ी सजा

उदयपुर हत्या मामले में जामा मस्जिद के शाही इमाम का बयान, कहा- गैर इस्लामिक और अमानवीय

उदयपुर हत्या मामले में जामा मस्जिद के शाही इमाम का बयान, कहा- गैर इस्लामिक और अमानवीय

यूपी में कोरोना की धीमी पड़ी रफ़्तार

10 से 10 तक : फिर डराने लगा कोरोना, 24 घंटे में 18 हजार से अधिक केस, 39 की मौत

बिहार में 24 घंटे में सामान्य से 254 प्रतिशत ज्यादा बारिश, दो दिन में वज्रपात से 32 की मौत

बिहार में 24 घंटे में सामान्य से 254 प्रतिशत ज्यादा बारिश, दो दिन में वज्रपात से 32 की मौत

स्वार्थ की आग में झोंका देश

स्वार्थ की आग में झोंका देश

पावागढ़ में 500 वर्ष बाद फहरी धर्म पताका

पावागढ़ में 500 वर्ष बाद फहरी धर्म पताका

21 एकड़ भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई से खेती कर रहा है यमुनानगर का प्रगतिशील किसान हक्कम सिंह

21 एकड़ भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई से खेती कर रहा है यमुनानगर का प्रगतिशील किसान हक्कम सिंह

  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping
  • Terms

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies