पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के हलका धूरी में लंबे समय से कदम न रखने व लोगों की सार न देने के विरोध में शहर भर में ‘गुमशुदा की तलाश एमएलए धूरी, ‘धूरी दिआं कंधां ते लिखियां, साड्डा एमएलए कदे नहीं दिखेया के पोस्टरों से दीवारें भरे हुई है। भारतीय जनता पार्टी हलका धूरी की ओर से शहर भर की दीवारों पर यह पोस्टर लगाकर मुख्यमंंत्री भगवंत मान को आड़े हाथों लिया है।
विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान केवल एक बार ही धूरी में पहुंचे थे, जबकि अब लंबे समय से उनकी ओर से धूरी की तरफ रुख नहीं किया गया है। लोगों का रोष है कि सरकार बनने पर भगवंत मान ने एलान किया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार चंडीगढ़ से नहीं, बल्कि गांवों से चलेगी, लेकिन सत्ता संभालने के बाद दोबारा मुख्यमंत्री ने अपने हलके की सार नहीं ली। हलका धूरी बदहाली के दौर से गुजर रहा है और लोग खुद को ठग्गा सा महसूस कर रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने शहर में हलका धूरी का विधायक गुमशुदा है के नारे लगाते हुए रोष जाहिर किया।
भाजपा के जिला प्रधान व हलका धूरी के इंचार्ज रणदीप सिंह दियोल ने कहा कि धूरी हलके से जीत कर विधायक व फिर मुख्यमंत्री बने भगवंत मान ने कभी दोबारा मुंडकर धूरी कदम नहीं रखा है। हलके के लोगों को गुमराह करके वोट हासिल करने के बाद हलके को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भुला दिया है। लोगों के दुख-दर्द नहीं सुने व न ही लोगों से हलके की समस्याओं को जानकर उनके समाधान की खातिर कोई कदम उठाया। पंजाब के लोगों के साथ झुठे वादे करके सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब में कानून-व्यवस्था को कायम रखने में नाकाम साबित रही है, जिसकी बदौलत पंजाब का मौहाल दिनों दिन बिगड़ता जा रहा है। दिन दिहाड़़े नौजवानों के कत्ल हो रहे हैं व लोग खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि हलका धूरी के लोगों को अपने कामकाज के लिए अब चंडीगढ़ की तरफ रुख करना पड़ता है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने हलका धूरी में तो क्या, संगरूर में भी कभी कदम नहीं रखा है। बेशक धूरी में मुख्यमंत्री ने खानापूर्ति करते हुए एक दफ्तर खोल दिया है, लेकिन यहां पर भी लोगों के मसलों का कोई समाधान नहीं है। हलका धूरी के अस्पताल की हालत बदलत है, जहां मरीजों को पर्याप्त सुविधाएं न मिलने के कारण मरीज अन्य अस्पतालों की तरफ रुख कर रहे हैं।
भगवंत मान चुनावों के समय दावा कर रहे थे कि हलके को नमूने की सुविधाएं प्रदान की जाएगी, लेकिन उनके अपने हलके की हालत की बदतर बनी हुई है। इतना ही नहीं आप सरकार मोहल्ला क्लीनिकों की स्थापना करने का भरोसा लोगों को दिला रही है, जबकि मुख्यमंत्री के हलके के सिविल अस्पताल की हालत बेहद नाजूक बनी हुई है। लोगों को मोहल्ले क्लीनिक की नहीं, बल्कि मौजूदा अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाओं की जरूरत है।
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