जाति की जकड़न को मजबूत करने के लिए जातिगत जनगणना!!
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

जाति की जकड़न को मजबूत करने के लिए जातिगत जनगणना!!

जिस बिहार को जातिगत राजनीति ने पिछड़ा और गरीब बना रखा है, उसी बिहार में जाति पर आधारित जनगणना होने वाली है। लोग इसे बिहार में विकास की राजनीति को रोकने वाला कदम मान रहे हैं।

by अरुण कुमार सिंह
Jun 2, 2022, 12:40 pm IST
in भारत, बिहार
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आखिरकार बिहार में वही हुआ, जो जाति के आधार पर राजनीति करने वाले नेता चाहते थे। गत 1 जून को पटना में आयोजित सर्वदलीय बैठक में निर्णय लिया गया कि जाति पर आधारित जनगणना कराई जाएगी। यानी बिहार में किस जाति में कितने लोग हैं, वे कितने पढ़े—लिखे हैं, क्या करते हैं, इस तरह के आंकड़े जुटाए जाएंगे। अंग्रेजों के राज में ऐसी जाति आधाारित जनगणना होती थी, वह भी अंतिम बार 1931 में हुई थी। इसके बाद से अब तक जाति पर आधारित जनगणना नहीं हुई है। यही कारण है कि कुछ क्षेत्रीय दलों की मांग के बाद केंद्र सरकार ने स्पष्ट कह दिया था कि देशव्यापी जाति आधारित जनगणना करना संभव नहीं है।
इसके बावजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव जैसे नेता जातिगत जनगणना की मांग करते रहे थे। अखिलेश यादव ने तो पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वायदा किया था कि यदि उनकी सरकार बनती है तो जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी, लेकिन उनकी सरकार ही नहीं बनी। इसके बाद से वे इस पर चुप हैं। वहीं दूसरी ओर बिहार में जाति जनगणना की मांग होती रही और चूंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके पक्ष में हैं, इसलिए उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस पर अंतिम निर्णय ले लिया।
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. शंभु नारायण मानते हैं जाति आधारित जनगणना होने से बिहार के लोगों को ही नुकसान होने वाला है। इससे विकास पीछे हो जाएगा और जातिगत भावना आगे हो जाएगी। वे कहते हैं,”स्वतंत्रता के बाद से बिहार में जाति के आधार पर राजनीति हो रही है। इस कारण लोग वोट देने से पहले अपनी जाति के उम्मीदवारों को खोजते हैं। भले ही उनकी जाति के उम्मीदवार जीतने की स्थिति में नहीं होते हैं, इसके बावजूद लोग उसी को वोट देते हैं। यानी मतदाताओं ने कभी विकास के लिए वोट नहीं किया। इस कारण आज भी बिहार में ढांचागत सुविधाओं का अभाव है। बिहार के लोग रोजगार के लिए पूरे देश में भटक रहे हैं। इलाज कराने के लिए दिल्ली, मुम्बई जैसे बड़े शहरों की ओर भाग रहे हैं। यदि बिहार के लोग जाति की राजनीति में नहीं उलझते तो आज बिहार बहुत आगे होता, क्योंकि यहां प्रतिभाशाली लोगों की कोई कमी नहीं है।”
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता संजय सिंह कहते हैं,”मुख्य रूप से वही राजनीतिक दल जातिगत जनगणना पर जोर दे रहे हैं, जो 2014 के बाद से लगातार चुनाव हार रहे हैं। अब लोग विकास के लिए वोट करने लगे हैं, इसलिए जाति पर राजनीति करने वाले नेता हार रहे हैं। ये लोग अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को फिर से उर्वर बनाने के लिए जाति—जाति की रट लगा रहे हैं।”
पटना में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करवाने वाले गणेश कुमार कहते हैं, ”सच में देखा जाए तो जातिगत जनगणना में उन लोगों की कोई दिलचस्पी नहीं है, जो किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं। ऐसे लोग विकास की राजनीति के पक्षधर हैं। अभी इस वर्ग के लिए सबसे पसंदीदा नेता हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। यही कारण है कि जातिगत जनगणना के मामले में भाजपा पहले खुलकर कुछ नहीं बोलती थी, लेकिन बिहार के ज्यादातर राजनीतिक दलों के रुख को देखते हुए भाजपा ने भी इसका समर्थन किया और सर्वदलीय बैठक में भाग लिया।”
सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए बिहार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि भाजपा ने जातिगत जनगणना पर अपनी सहमति दी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि यह भी ध्यान रखा जाए कि इस जनगणना में कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया या रोहिंग्या मुस्लिम शामिल न हो जाए। ऐसा होने पर वे लोग आगे चलकर इसी आधार पर भारत के नागरिक होने का दावा कर सकते हैं। संजय जायसवाल की चिंता स्वाभाविक है। उल्लेखनीय है कि बिहार के किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, जैसे जिलों में बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों की बड़ी संख्या है। ये लोग स्थानीय लोगों का ही हक मार रहे हैं। इसके बाद भी स्थानीय लोग इन घुसपैठियों का कभी एक स्वर में विरोध नहीं करते हैं।
भागलपुर के कारोबारी प्रदीप गुप्ता कहते हैं, ”जाति में बंटे होने के कारण अधिकांश भारतीयों की सोच देशव्यापी नहीं बन पाती है। इसलिए लोगों को न तो बांग्लादेशी घुसपैठिए दिखते हैं और न ही अन्य देशविरोधी तत्व दिखते हैं। लोग और अच्छी तरह जाति की जकड़न में रहें, इसलिए जातिगत जनगणना कराई जा रही है।”

Topics: biharcasteCensusजातिगतजनगणनाबिहार
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर (मुस्लिम युवक ने हिंदू लड़की पर धर्म परिवर्तन और गोमांस खाने का बनाया दबाव)

हिंदू बनकर शमशाद ने युवती से बनाए संबंध, फिर बोला- धर्मांतरण करो, गोमांस खाओ तब करूंगा निकाह

Waqf Board

मंदिर-चर्च से लेकर गांव तक: वक्फ बोर्ड के दावों का चौंकाने वाला सच!

काम्या मिश्रा

22 की उम्र में IPS बनीं, 28 की उम्र में दिया इस्तीफा: जानिए बिहार की ‘लेडी सिंघम’ काम्या मिश्रा की कहानी

मुस्लिम आरोपियों पर कथित दलित संगठन चुप क्यों?

Punjab Khalistan police

अमृतसर मंदिर ब्लास्ट : हथियार उपलब्ध करवाने वाले तीन आरोपी बिहार से गिरफ्तार

Bihar Madarsa Crime

Bihar Madarsa: क्यों मौलवियों के ही कारण बदनाम हो रहे बिहार के मदरसे? 

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies