बिना डिग्री बना दिया टरबाइन
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

बिना डिग्री बना दिया टरबाइन

केदार प्रसाद महतो ने कुछ उपकरणों को जोड़कर एक ऐसी मशीन बनाई है, जो सामान्य रूप से बह रही जलधारा से बिजली पैदा करती है

by रितेश कश्यप
May 17, 2022, 08:30 am IST
in भारत, झारखण्‍ड
नदी में लगा बिजली संयंत्र

नदी में लगा बिजली संयंत्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

रामगढ़ जिले के बेयांग गांव में रहने वाले केदार प्रसाद महतो ने कुछ उपकरणों को जोड़कर एक ऐसी मशीन बनाई है, जो सामान्य रूप से बह रही जलधारा से बिजली पैदा करती है। उनके संयंत्र से उत्पादित बिजली से गांव के रास्ते हो रहे हैं रौशन

नदी में लगा बिजली संयंत्र

 

जज्बा, जोश और जुनून हो तो कठिन से कठिन लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। झारखंड के रामगढ़ जिले के बेयांग गांव के निवासी केदार प्रसाद महतो इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। 12वीं तक पढ़े केदार प्रसाद महतो ने पारंपरिक ज्ञान से असंभव दिखने वाला काम कर न केवल दूसरों को रास्ता दिखाया है, बल्कि यह साबित भी किया है कि सपने को साकार करने के लिए डिग्री और भारी भरकम रकम जरूरी नहीं है। दरअसल, केदार प्रसाद देसी तकनीक से बिजली पैदा कर रहे हैं। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जीवन के बहुमूल्य 8 साल खपा दिए। यह उनकी मेहनत और लगन का परिणाम है कि आज गांव को मुफ्त बिजली मिल रही है।

देसी टरबाइन से गांव रौशन
बचपन से ही केदार की रुचि तकनीकी क्षेत्र में थी। वे शुरू से ही कुछ नया करना चाहते थे, इसलिए लगातार उपकरणों को जोड़ने-तोड़ने का उनका सिलसिला चलता रहा। इसी क्रम में एक दिन उन्होंने टरबाइन बना दिया, जो सामान्य रूप से बहती जलधारा से बिजली पैदा कर सकती है। इसे उन्होंने गांव के पास बहने वाली नदी में लगाया। इसके लिए बांस और र्इंट को जोड़कर बाकायदा एक मचान बनाया। केदार बताते हैं, ‘‘पूरा झारखंड बरसों से बिजली की समस्या से जूझ रहा है। इसी को देखते हुए खुद ही बिजली बनाने की इच्छा हुई। इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ छोटे-मोटे उपकरणों को जोड़कर एक मशीन तैयार की। 2021 में उत्साहजनक सफलता मिली। जलधारा से टरबाइन चालू हो गया और बिजली पैदा होने लगी।’’

आज उनके बनाए टरबाइन से 5 किलोवाट बिजली पैदा हो रही है, जो गांव के मंदिर और सड़कों-गलियों को रौशन कर रही है। केदार ने आगे बताया कि नदी में मचान बनाने से लेकर और विभिन्न तरह के उपकरण खरीदने पर लगभग 3 लाख रुपये का खर्च आया। लेकिन यह रकम उन्होंने अपनी जेब और कुछ दोस्तों की मदद से इकट्ठी की। बता दें कि 32 वर्षीय केदार बिजली का ही काम करते हैं और इसी से उनके परिवार का गुजर-बसर होता है। इसमें से भी वे कुछ पैसे बचा लेते हैं, जिसे बिजली संयंत्र के रख-रखाव पर खर्च करते हैं। वे कहते हैं कि पैसे के अभाव और कुछ अन्य तकनीकी कारणों से अधिक बिजली पैदा नहीं कर पा रहे हैं। यदि सरकार से मदद मिल जाए तो वे आसपास के सभी गांवों के लिए बहुत ही सस्ती बिजली उत्पादन कर सकते हैं।

अपने बिजली संयंत्र में काम करते केदार प्रसाद महतो

परिवार और गांव को गर्व
केदार के पिता जानकी महतो और माता फुलेश्वरी देवी को अपने बेटे की सफलता पर गर्व है। उनका कहना है कि यदि सरकार इन देसी तकनीक को प्रोत्साहन और सहयोग दे, तो बिजली उत्पादन के लिए बड़े-बड़े जलाशय बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केदार की इस उपलब्धि से गांव वाले भी चकित हैं। वे उन्हें गांव का ‘नायक’ मानते हैं। हालांकि केदार के लिए बिजली संयंत्र बनाने से लेकर इससे बिजली पैदा करने तक का सफर मुश्किलों से भरा रहा। वे कहते हैं, ‘‘शुरू में जब मैं लोगों से कहता था कि बिजली पैदा करना चाहता हूं तो वे हंसते थे। कहते थे, पागल हो।

सरकार तो पर्याप्त बिजली उत्पादन कर ही नहीं पा रही है और तुम बिजली पैदा करने की बात कर रहे हो। क्या तुम सरकार से बड़े हो गए हो? इसके बाद मैंने लोगों से इस विषय में बात करना ही छोड़ दिया और अपने काम में लगा रहा। हां, कुछ खास दोस्तों से बात करता था और उनसे परेशानियां साझा करता था। जरूरत पड़ने पर वे उपकरण खरीदने में मेरी मदद भी करते थे। उनके सहयोग से ही मुझे सफलता मिली।’’ केदार को गांव के ज्ञानी महतो, गंगेश महतो, सिकंदर महतो, जगन्नाथ महतो, नवीन महतो, ऋषिकेश महतो और कमलेश महतो से आर्थिक और अन्य तरह की मदद मिलती रही है। इसलिए केदार बात-बात में इन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

5 किलोवाट बिजली उत्पादन
केदार को पहली सफलता 2020 में मिली, जब उन्होंने 3 किलोवाट बिजली पैदा करना शुरू किया। इसके बाद वे 2021 में 5 किलोवाट बिजली पैदा करने लगे, लेकिन इसी वर्ष नदी में बाढ़ आई और उनका टरबाइन व उपकरण बह गए। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने हौसला बुलंद रखा और एक बार फिर उपकरणों की मरम्मत कर बिजली पैदा करने लगे।

केदार अपने गांव के साथ-साथ आसपास के गांवों को भी बिजली को लेकर आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि अगर उनकी इस परियोजना को सरकार सहयोग दे तो वे 2 मेगावाट बिजली आसानी से पैदा कर सकते हैं। इतनी बिजली से कई गांव रौशन हो सकते हैं।

केदार द्वारा बनाए गए संयंत्र की विशेषता यह है कि इसे कहीं भी लगाया जा सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे बिजली पैदा करने पर कोई अतिरिक्त लागत नहीं आती, जबकि पानी से बिजली पैदा करने के लिए कोयला और बॉयलर की जरूरत पड़ती है। लेकिन केदार द्वारा निर्मित उपकरण को चलाने के लिए बहती जलधारा ही काफी है। गांव के मुखिया सूरजनाथ भी केदार की प्रशंसा करते नहीं अघाते। वे कहते हैं कि केदार प्रसाद के कारण गांव की अलग पहचान बन रही है। अब रांची से लेकर रामगढ़ तक हमारे गांव की चर्चा होती है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले गांव में सरस्वती पूजा हो रही थी। अचानक बिजली चली गई तो हर तरफ अंधेरा छा गया। केदार को पता चला तो उसने तुरंत अपने बिजली संयंत्र से बिजली दे दी। इस कारण पूजा में कोई व्यवधान नहीं पहुंचा।

केदार अपने गांव के साथ-साथ आसपास के गांवों को भी बिजली को लेकर आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। लेकिन उनके पास संसाधन नहीं है। वे कहते हैं कि यदि उन्हें आर्थिक मदद मिली तो वे 2 किलोवाट बिजली तो आसानी से पैदा कर सकते हैं। इतनी बिजली से तो कई गांव रौशन हो सकते हैं।

Topics: नवीन महतोझारखंडऋषिकेश महतो और कमलेश महतोआत्मनिर्भरबिजली संयंत्रकेदार प्रसाद महतोरामगढ़बेयांग गांवज्ञानी महतोगंगेश महतोसिकंदर महतोजगन्नाथ महतो
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक चित्र

झारखंड: बोकारो में मुठभेड़, 1 करोड़ का इनामी विवेक मारा गया, 8 नक्सली ढेर, हथियार और विस्फोटक बरामद

चुनाव नहीं ‘मुस्लिम आयुक्त’ : एसवाई कुरैशी पर निशिकांत दुबे का तीखा हमला, कहा- अब बंटवारा नहीं होगा

Jharkhand 44 christian Adopted sanatan Dharma

घर वापसी: झारखंड में 44 ईसाइयों ने अपनाया सनातन धर्म, 9 साल पहले हुआ था धर्मान्तरण

झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन, दाईं ओर उपद्रवियों का दुस्साहस

“जब ‘सरकार’ ही कहेंगे संविधान के ऊपर शरिया, तो दंगाइयों का दुस्साहस बढ़ेगा ही! “

पुलिस की गिरफ्त में नक्सली

10 साल से फरार नक्सली गिरफ्तार, कई ग्रामीणों की हत्या की, घर जलाए

घर वापसी: झारखंड में 68 परिवारों के 200 वनवासियों ने अपनाया सनातन धर्म

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies