युवा पीढ़ी को आदिगुरु के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि प्रधानमंत्री शंकराचार्य के अधूरे कार्यों को पूरा कर रहे हैं।
गत मई को नई दिल्ली में आदिगुरु शंकराचार्य जयंती समारोह का आयोजन हुआ। इसका उद्घाटन स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, सामाजिक संगठन ‘युवा चेतना’ के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वाराखेड़ी, पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर आदि गणमान्य लोगों ने शंकराचार्य के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस अवसर पर स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म के लिए जो किया, वह किसी ने नहीं किया। युवा पीढ़ी को आदिगुरु के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि प्रधानमंत्री शंकराचार्य के अधूरे कार्यों को पूरा कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा कि भारत शंकराचार्य जी का ऋणी है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि हमें शंकराचार्य के दिखाए रास्ते पर चलना होगा। हितेश शंकर ने कहा कि शंकराचार्य का दर्शन विभाजन की रेखाओं को दूर कर मानव को एक करता है। यही आज के विश्व की आवश्यकता है।
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