बहुजन समाज पार्टी के नेता पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की सम्पत्तियों की जांच के बाद पुलिस-प्रशासन ने उनके साथियों पर शिकंजा कस दिया है। एसएसपी आकाश तोमर के मुताबिक नसीम, चांदना और नागपाल हाजी इकबाल के कारोबार में सहयोगी रहे हैं, जिनके खिलाफ जांच, सबूतों के आधार पर आगे बढ़ रही है।
एसएसपी तोमर ने बताया कि 21 अप्रैल को पकड़े गए नसीम नाम के मजदूर के नाम से हाजी इकबाल ने लखीमपुर, गोरखपुर और सीतापुर में शुगर मिल्स और बड़ी संख्या में जमीनें ली हुई हैं। उन्होंने बताया कि प्रॉपर्टी डीलर सनी नागपाल जिसे पिछले दिनों मुंबई पुलिस ने इकोनॉमी ऑफेंस के आरोप में पकड़ा था। वो भी हाजी इकबाल का साझेदार है और दोनों के बीच कॉल के रेकॉर्ड्स पुलिस के पास हैं। नागपाल पर 5600 करोड़ के गबन का आरोप है। उनकी फर्म राधे ट्रेडिंग कंपनी में हाजी इकबाल की रकम भी लगी हुई है।
एसएसपी तोमर के मुताबिक अजय चांदना तीसरा ऐसा व्यक्ति है जिसके पास हाजी इकबाल की संपत्ति का हिस्सा है और ये भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें नसीम को छोड़ कर बाकी सभी पर गैंगस्टर लगाया जा चुका है। एसएसपी ने बताया कि हाजी इकबाल के खिलाफ ईडी, आयकर, एनजीटी, प्रदूषण पर्यावरण, राजस्व, पुलिस आदि के द्वारा अपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनकी कड़ियों को जोड़ा जा रहा है और इसकी जांच आगे बढ़ रही है।
उल्लेखनीय है हाजी इकबाल, उनके परिवार और उनके साझेदारों ने यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर यमुना और उसकी सहायक नदियों में अवैध खनन मायावती शासन काल में किया और अरबों की सम्पत्ति अर्जित की। मायावती सरकार के संरक्षण में चीनी मिलों और सरकारी जमीनों के औने पौने दामों में खरीद फरोख्त की थी। योगी सरकार ने आते ही हाजी इकबाल के परिवार पर शिकंजा कसा और उनके पास से करोड़ों की बेनामी सम्पत्तियों का हिसाब किताब मिला। इसके बाद केंद्र सरकार से ईडी के अधिकारियों ने यहां छापेमारी की थी।
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