दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पश्चिम बंगाल में तीन संदिग्धों से पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि ये घटना के वक्त जहांगीरपुरी में मौजूद थे। वीडियो फुटेज की जांच के बाद इनसे इलाके में पहुंचने के कारणों को लेकर अपराध शाखा पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि हिरासत में लेकर कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। साक्ष्य मिलने के बाद ही इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
जांच के लिए पुलिस कमिश्नर ने ईडी को लिखा पत्र
जहांगीरपुरी हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने ईडी से दंगे के पीछे के फाइनेंस एंगल की जांच करवाने पर जोर दिया है। साथ ही उन्होंने अंसार के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज कर जांच करने की भी मांग की। उधर, इस मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने 24 अन्य आरोपितों की भी पहचान कर ली है। उनकी तलाश में जगह-जगह दबिश दी जा रही है।
बीते शनिवार को जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा के मामले में अब तक 23 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें मुख्य आरोपित अंसार को बनाया गया है जो इलाके में सट्टे का कारोबार करता था। प्राथमिक जांच में अपराध शाखा को पता चला है कि सट्टे से उसने काफी प्रॉपर्टी बनाई थी। दिल्ली के अलावा पश्चिम बंगाल में भी उसने प्रॉपर्टी खरीदी थी। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर दंगे के इस मामले में फाइनेंस एंगल की जांच करवाना चाहते हैं।
इसके लिए उन्होंने गुरुवार की शाम ईडी को एक पत्र लिखकर फाइनेंस एंगल की जांच करने के लिए कहा है। पुलिस कमिश्नर की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि इस दंगे का मुख्य आरोपित मोहम्मद अंसार सट्टे से काफी पैसा कमाता था। इसके जरिए उसने काफी प्रॉपर्टी बनाई हुई जो न केवल दिल्ली में है बल्कि पश्चिम बंगाल में भी है। ऐसे में दंगे की साजिश को बेनकाब करने के लिए फाइनेंस एंगल की जांच होना बेहद ही आवश्यक है। इसलिए उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय से मांग की है कि वह इस बाबत मामला दर्ज कर अंसार की प्रॉपर्टी को लेकर जांच करे।
उधर, मामले की जांच कर रही अपराध शाखा की टीम ने 24 अन्य आरोपितों की पहचान की है, जो इस दंगे में शामिल थे। इनकी पहचान विभिन्न सीसीटीवी फुटेज, वायरल वीडियो और विभिन्न चैनल से मिले फुटेज के आधार पर की गई है। पुलिस का कहना है कि इसमें दोनों ही समुदायों के लोग शामिल हैं।
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