दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव की शोभायात्रा पर हुए पथराव के बाद हुई हिंसा में कथित रूप से बच्चों के इस्तेमाल को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) सख्त नजर आ रहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा है।
आयोग ने अपने पत्र में कहा कि रविवार को उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक दिन पहले हुई हिंसा में कई बच्चों को पथराव करते और उस भीड़ में शामिल देखा गया, जिसने हिंसा शुरू की थी। हिंसा के दौरान कथित रूप से बच्चों का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। किशोर न्याय अधिनियम के तहत बच्चों का इस्तेमाल करना एक अपराध है और अधिनियम का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। आयोग ने पत्र में ये भी लिखा है कि पत्र की प्राप्ति के सात दिनों के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत की जानी चाहिए।
बता दें की उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीर पुरी हिंसा मामले में पुलिस पूरी तरह एक्शन मोड पर है। रविवार शाम को डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि उक्त मामले में दो नाबालिग समेत आठ लोगों को पकड़ा गया है। इसमें कानून का उल्लंघन करने वाले दो किशोरों को पकड़ा गया है। जबकि छह आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों के पास पुलिस ने तीन तमंचा और पांच तलवारें बरामद की हैं।
यह गिरफ्तारी इलाके से सौ से ज्यादा मिली वीडियों फुटेज के आधार पर की गई है। सभी आरोपित जहांगीरपुरी के रहने वाले हैं। आरोपितों की पहचान अंसार (35) अकरम (22), जाकिर(22), इम्तियाज(29), जाहिद(22), आतिर(35), मो।अली उर्फ जसोद्दीन(27), शहजाद(37), मुख्तियार अली(28), आमिर(22), असतर(36), नूर असलम(28), मो। असलम उर्फ कुड्डू (22) और मो। अली हसन(22), शेख सौरभ(42), सूरज(21), नीरज (19), सुकन (45), सुरेश (43), सुजीत सरकार (38) और दो नाबालिग शामिल है।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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