उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों में एक दर्जन से ज्यादा मुस्लिम युवकों को पुलिस ने पकड़ा है, जो स्मैक के धन्धे में लिप्त थे। ये युवक बरेली से ड्रग्स लेकर अपने ग्राहकों तक पहुंचा रहे थे। बरेली के फतेहगंज इलाके में पुलिस ने पिछले आठ महीनों में करीब 25 स्मैक तस्करों को गैंगस्टर में जेल भेजा है। इनमें से नामी तस्करों पर सफेमा के तहत मुकदमे दर्ज हुए और इनकी सम्पत्तियों को कुर्क करके उन पर बुलडोजर भी चलाये गए। इतनी सख्ती के बावजूद स्मैक की तस्करी का धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है।
काशीपुर में पिछले दिनों अब्दुल फैसल और बबलू हुसैन को पुलिस ने पकड़ा था। इनके पास से 58 ग्राम स्मैक बरामद हुई थी। इससे पहले यहां शाहिद से 282 ग्राम और जब्बार से 305 ग्राम स्मैक बरामद हुई थी। 29 जनवरी को अलीखां से 52 ग्राम बरामद हुई और उससे पहले छह महीने में सात मुस्लिम युवक स्मैक के साथ पकड़े गए। इन सभी का कनेक्शन बरेली के फतेहगंज या बहेड़ी के स्मैक तस्करों के साथ मिला है। उधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में रोज कोई न कोई मुस्लिम युवक स्मैक के साथ पकड़ा जाता है। ये आरोपी बाइक से मुख्य मार्ग के बजाय ग्रामीण रास्तों से निकलते हुए उत्तखण्ड में अपने ग्राहकों तक स्मैक पहुंचाने का काम करते हैं और माल की डिलीवरी देने के बाद तुरंत ही यूपी सीमा पर लौट जाते हैं।
खबर है कि बरेली जिले में स्मैक माफिया की लंबी चेन है, जिनमें पांच हजार से ज्यादा मुस्लिम युवक ड्रग्स कैरियर के धंधे में लिप्त हैं।
पिछले दिनों यूपी-उत्तराखंड के पुलिस के अधिकारियों के बीच ड्रग्स तस्करी को लेकर एक समन्वय बैठक भी हुई थी, जिसमें सूचनाओं के आदान-प्रदान पर सहमति बनी है। उत्तराखंड पुलिस को स्मैक तस्करी को नियंत्रण करने में अभी वो सफलता हाथ नहीं लगी है जिसकी उम्मीद की जा रही थी। बहरहाल बरेली के मुस्लिम स्मैक तस्करों का गैंग उत्तराखंड में भी सक्रिय है जिस पर प्रभावी कार्रवाई की जरूरत है।
कुमायूं डीआईजी डॉ नीलेश भरणे का कहना है कि हमने पिछले दिनों यूपी के बरेली में उच्च पुलिस अधिकारियों के साथ स्मैक और अन्य मादक पदार्थो की तस्करी पर बैठक की थी और इसमें नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए थे। हम उत्तराखंड में स्मैक लाने, खरीदने बेचने वालों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया हुआ है। हम इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।
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