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ये कहां आ गए हम

देश के कई राज्यों में हिंदुओं की स्थिति दयनीय है। मुसलमान और ईसाई तेजी से अपनी संख्या बढ़ा रहे हैं। केरल जो कभी हिंदू राज्य था, वहां तेजी से मुसलमान बढ़ रहे हैं। पंजाब में सिखों की आबादी 2 प्रतिशत घटी

by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Apr 11, 2022, 03:00 pm IST
in भारत, विश्लेषण, पंजाब
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बीते कुछ दशकों में केरल में जबरदस्त जनसांख्यिकी बदलाव आया है। 1901 में यहां 43.78 लाख हिंदू थे, जो राज्य की आबादी का 68.5 प्रतिशत था। 17.5 प्रतिशत मुसलमान और 14 प्रतिशत ईसाई थे। लेकिन 60 वर्षों में हिंदुओं की आबादी घटकर 60.9 प्रतिशत, ईसाई अप्रत्याशित रूप से 21.2 प्रतिशत, जबकि 17.9 प्रतिशत के साथ मुसलमान तीसरे स्थान पर चले गए। 1961 के बाद राज्य में इस्लाम तेजी से फैलता गया और हिंदुओं की संख्या घटती गई। 2011 में हिंदू घटकर 54.73 प्रतिशत, मुसलमान बढ़कर 26.56 प्रतिशत और ईसाई आबादी 18.38 प्रतिशत हो गई। इसी राज्य में 300 साल पहले तक 99 प्रतिशत हिंदू थे। हिंदुओं को कन्वर्ट कर पहले ईसाइयों ने राज्य की आबादी का संतुलन बिगाड़ा। फिर कट्टरपंथी मुसलमानों और वामपंथियों ने अपना वर्चस्व बढ़ाया। महत्वपूर्ण बात यह है कि अपना धर्म-मजहब-मत नहीं बताने वालों की संख्या 2011 में 88,155 थी, जो 2022 में बढ़कर 91,567 हो गई। मलप्पुरम, कासरगोड, कन्नूर और पलक्कड़ मुस्लिम बहुल जिले हो गए हैं, जहां हिंदू और ईसाई दबाव में रहते हैं।

बिहार का किशनगंज जिला, जो 1960 के पहले हिन्दू बहुल हुआ करता था, वहां मुस्लिम आबादी करीब 70 प्रतिशत है। अररिया, कटिहार, पूर्णिया सहित अन्य जिलों में भी इनकी आबादी तेजी से बढ़ी है। 2011 की जनगणना के अनुसार, अररिया में 43 प्रतिशत, कटिहार में करीब 45 प्रतिशत और पूर्णिया में करीब 40 प्रतिशत मुसलमान थे। खासतौर से नेपाल से लगते सीमाई इलाकों में मुसलमान तेजी से पैर पसार रहे हैं। दरभंगा, सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण में 22-23 प्रतिशत मुस्लिम थे, जो अब कई गुना बढ़ गए हैं। मुसलमानों ने तो राजधानी पटना तक को चारों तरफ से घेर लिया है। पटना को जोड़ने वाले मुख्य मार्गों को ये किसी भी समय अवरुद्ध कर सकते हैं। पटना स्टेशन के दोनों ओर दो बड़ी मस्जिदें हैं। फुलवारी शरीफ में तो हिंदुओं को स्वाभिमान से जीने का अधिकार ही नहीं है।

पंजाब, जहां सिख बहुसंख्यक थे, उनकी आबादी 2 प्रतिशत घट गई। सूबे में 2001 में सिख 60 प्रतिशत थे, जो 2011 में 58 प्रतिशत हो गए। राज्य के कई जिले ईसाई मिशनरियों की चपेट में हैं। देश के 9 में से 6 राज्य ऐसे हैं, जहां हिंदुओं की आबादी 3 से 38 प्रतिशत के बीच है। खासतौर से 2001-11 के बीच मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और लक्षद्वीप में हिंदुओं की आबादी 6 प्रतिशत तक घट गई।

वैसे तो झारखंड में ईसाई मिशनरियां दशकों से कन्वर्जन कर रही हैं। लेकिन हेमंत सोरेन और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने के बाद इसमें तेजी आई है। समाजसेवी सनी टोप्पो के अनुसार, राज्य के कई जिले चर्च और इसाई मिशनरियों के कब्जे में आ चुके हैं। सिमडेगा जिले में तो जनजातीय समाज पूरी तरह से अल्पसंख्यक हो चुका है। ईसाई मिशनरियों का विरोध करने पर न केवल उनका बहिष्कार किया जाता है, बल्कि मॉब लिंचिंग में जान तक ले ली जाती है। पुलिस-प्रशासन भी उनकी मदद नहीं करता। अमूमन यही हालत खूंटी, चाईबासा, दुमका, गुमला, लातेहार जिलों की भी है।

इसी तरह, उत्तराखंड में, खासकर मैदानी जिलों में मुसलमानों की आबादी बढ़ी है। 2001 तक इस पहाड़ी राज्य में 11.9 प्रतिशत मुस्लिम थे, जो 2011 में 14 प्रतिशत हो गए। 2011 में उधम सिंह नगर में 33.40 प्रतिशत, हरिद्वार में 33 और देहरादून में 32.48 मुसलमान थे। हरिद्वार उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, नजीबाबाद, बिजनौर और मेरठ जिले से घिरा हुआ है, जहां तेजी से मुस्लिम आबादी बढ़ रही है। रामनगर,कोटद्वार, हल्द्वानी, कालाढूंगी, टनकपुर, बनबसा और सीमाई कस्बे धारचूला, जहां जाने के लिए परमिट लेना पड़ता था, में न केवल मुस्लिम आबादी बढ़ी है, बल्कि मस्जिद भी बन गई है। नेपाल से लगते लोहाघाट, चंपावत तथा भवाली, भीमताल, नैनीताल का भी यही हाल है।

उत्तर प्रदेश के भी कई जिले या तो मुस्लिम बहुल हो गए हैं या उनकी आबादी हिंदुओं के बराबर हो गई है। खास तौर से रामपुर और अमरोहा में हिंदू अब अल्पसंख्यक हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, प्रदेश में हिंदुओं की आबादी करीब एक प्रतिशत घट गई, जबकि मुसलमानों की आबादी लगभग इतनी ही बढ़ गई। गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, देवबंद, शामली और बागपत में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है। सूबे में ईसाई भी अपनी पकड़ बढ़ा रहे हैं।

पंजाब, जहां सिख बहुसंख्यक थे, उनकी आबादी 2 प्रतिशत घट गई। सूबे में 2001 में सिख 60 प्रतिशत थे, जो 2011 में 58 प्रतिशत हो गए। राज्य के कई जिले ईसाई मिशनरियों की चपेट में हैं। देश के 9 में से 6 राज्य ऐसे हैं, जहां हिंदुओं की आबादी 3 से 38 प्रतिशत के बीच है। खासतौर से 2001-11 के बीच मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और लक्षद्वीप में हिंदुओं की आबादी 6 प्रतिशत तक घट गई। इस दौरान इन राज्यों में मुस्लिम और ईसाई आबादी में वृद्धि दर्ज की गई।

Topics: सिख बहुसंख्यकजनसांख्यिकी बदलावधर्म-मजहब-मतइसाई मिशनरिSikh MajorityDemographic ChangeReligion-Religion-Sect
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