फ्रांस में राष्ट्रपति के चुनाव में 4.87 करोड़ लोग वोट करेंगे। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत 12 लोग चुनावी मैदान में हैं। इनमें तीन महिलाएं हैं। मैक्रों और ली पेन के लेस रिपब्लिकन की वलेरी पेक्रेस भी दौड़ में हैं। इनके अलावा जीन-ल्यूक मेलेनचॉन, एरिक जेमोर, नटाली एर्टहॉद, निकोलस डूपोंट-एगनन, एन हिडैल्गो, यानिक जैडोट, जीन लैसले, फिलिप पोटू, फैबियन रसेल और एरिक जेमौर जोल सागेत, एरिक फफेरबर्ग शामिल हैं।
फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान रविवार को शुरू हो गया। इस चुनाव में राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रों अपने पांच साल के कामकाज को आधार बनाकर दोबारा राष्ट्रपति बनने के लिए प्रयासरत हैं। मैक्रों कट्टर इस्लामिक गतिविधियों के खिलाफ खुलकर बोलते रहे हैं। पिछले ही साल मैक्रों ने ‘द फोरम ऑफ इस्लाम’ बनाने का एलान किया था। इसमें इस्लाम को नए सिरे से आकार देने की बात कही गई थी। मैक्रों ने इस चार्टर में कई चीजें शामिल की।
वहीं दक्षिणपंथी उम्मीदवार मारिन ली पेन और वामपंथी नेता ज्यांलुस मेलेंशां महंगाई को मुद्दा बनाकर उनके पांच साल के शासन को चुनौती दे रहे हैं। मरीन को भी इस्लाम विरोधी माना जाता है। इस चुनाव में उन्होंने यहां तक कह दिया है कि अगर वह राष्ट्रपति बनती हैं तो देश में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने वाली महिलाओं पर जुर्माना लगाया जाएगा। ली पेन ने कहा, ‘जिस तरह गाड़ियों में सीटबेल्ट पहनने को अनिवार्य बनाया गया है, उसी तरह ये फैसला भी लागू किया जाएगा कि मुसलमान सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब न पहनें।’
मरीन ली ‘इस्लामिक कट्टरता’ पर नरम रुख के लिए मैक्रों की आलोचना करती रही हैं। शार्ली हेब्दो मामले में फ्रांस का समर्थन करने के बाद मरीन पेन ने भारत और यहां के लोगों की खुलकर तारीफ की थी। शार्ली हैब्दो पर हमले के बाद ली पेन ने फ्रांस में पाकिस्तानियों की एंट्री बैन करने की भी मांग की थी।
फ्रांस में रविवार को शुरू हुआ मतदान ज्यादातर स्थानों पर सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम सात बजे संपन्न होगा। हालांकि, कुछ बड़े शहरों में मतदान रात आठ बजे तक चलेगा। यहां 4.8 करोड़ मतदाता 12 उम्मीदवारों में से किसी एक को इस शीर्ष पद के लिए चुनेंगे। अगर इसमें किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिले, तो पहले दो नंबर पर रहने वाले उम्मीदवार दूसरे चरण के मतदान में उतरेंगे। दूसरे चरण का मतदान 24 अप्रैल को होगा।
पहले चरण के मतदान से पहले अपनी आखिरी बड़ी चुनावी सभा में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने महिला मतदाताओं के समर्थन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता हासिल करना उनके दूसरे कार्यकाल का एक बड़ा उद्देश्य होगा। अभी तक मैक्रों का मुख्य मुकाबला दक्षिणपंथी नेता मरीन ली पेन से है। ली पेन भी खुद को नारीवादी बताती हैं।
वे मैक्रों के कार्यकाल में बढ़ी महंगाई को मुद्दा बना रही हैं। उन्होंने चुनाव जीतने की स्थिति में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने पर रोक लगाने का वादा भी किया है। वामपंथी उम्मीदवार ज्यां लुक मेलेंशा ने न्यूनतम मजदूरी में सर्वाधिक वृद्धि का वादा किया है।
जानिए कैसे है भारत से दोनों के रिश्ते हैं?
विदेश मामलों के जानकार प्रो. विवेक प्रियदर्शी कहते हैं, ‘इमैनुएल मैक्रों और मरीन ली पेन दोनों ही भारत के अच्छे समर्थक हैं। इस्लामिक कट्टरता को दूर करने के लिए भारत की ओर से उठाए जाने वाले कदम को भी दोनों का समर्थन मिलता रहा है।’ दोनों ही भारत के अच्छे प्रशंसक हैं। सामरिक मुद्दों पर भी साथ देते रहे हैं। यही कारण है कि भारत और फ्रांस के बीच आर्थिक, रक्षा समेत कई मामलों में समझौते हुए हैं।
10 फीसदी मुस्लिम आबादी है फ्रांस में
फ्रांस की कुल आबादी में 10 प्रतिशत मुसलमान हैं। ये यूरोप में मुस्लिम समुदाय की सबसे बड़ी आबादी है। फ्रांस के अधिकतर मुस्लिम इसकी पूर्व कॉलोनी मोरक्को, ट्यूनीशिया और अल्ज़ीरिया से आकर बसे हैं। इस समुदाय की दूसरी और तीसरी पीढ़ियां फ्रांस में ही पैदा हुई हैं।
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