महराजगंज और संभल जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापना को हरी झंडी मिल गई है. इन जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए चयनित संस्थाओं और शासन के बीच एमओयू की औपचारिकता पूरी हो गई है. इसके साथ ही, मुख्यमंत्री योगी ने शैक्षिक सत्र 2024-25 से इन दोनों मेडिकल कॉलेजों में दाखिला शुरू करने की टाइमलाइन तय कर दी है.
राज्य सरकार ने सभी 75 जिलों में न्यूनतम एक-एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का संकल्प लिया है. वर्ष 2017 से पहले जिस उत्तर प्रदेश में मात्र 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, आज उसकी संख्या 59 हो चुकी है. इसमें 17 कॉलेज तो क्रियाशील भी चुके हैं, जबकि 16 का निर्माण पूरा होने वाला है. इसके अलावा 16 जिले, जहां कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है, उनके लिए सरकार ने पीपीपी मॉडल की नीति लागू की है, जिसके तहत महराजगंज और संभल में मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और हॉस्पिटल प्रबंधन क्षेत्र की दो प्रतिष्ठित संस्थाओं का चयन किया गया. मुख्यमंत्री ने चयनित संस्थाओं के प्रतिनिधियों से उनके अनुभव, कार्यप्रणाली, संचालित अस्पतालों की व्यवस्था, संसाधन के साथ-साथ प्रस्तावित नए मेडिकल कॉलेज की कार्ययोजना की जानकारी ली.
जुलाई-अगस्त 2023 तक एनएमसी के समक्ष सीटों की स्वीकृति के लिए आवेदन करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा है कि महराजगंज जनपद की लगभग 32 लाख और संभल की 22 लाख की आबादी के लिए यह मेडिकल कॉलेज अत्यंत उपयोगी होगा. देश को नए डॉक्टर तो मिलेंगे ही, लोगों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं सुलभ भी होंगी. हर एक मेडिकल कॉलेज सीधे तौर पर न्यूनतम 900-1000 नए रोज़गार सृजन का माध्यम भी बनेगा. प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि शासन की मेडिकल कॉलेज संबंधी पीपीपी नीति के आधार पर असेवित 16 जिलों में से 12 के लिए निजी क्षेत्र की 27 संस्थाओं ने आवेदन किये हैं. वर्तमान में महराजगंज के लिए शांति फाउंडेशन और संभल के लिए सिद्धि विनायक ट्रस्ट का चयन हुआ है. दोनों संस्थाओं द्वारा पूर्व से ही हॉस्पिटल संचालित किए जा रहे हैं.
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