महाराष्ट्र के कोंकण प्रांत, जिसमें मुम्बई और पुणे शामिल हैं, में गणेश जी को क्षेत्राधिकारी यानी क्षेत्र का देवता माना जाता है। यही कारण है कि यहां गणेश जी को ‘महाराजा’ का दर्जा प्राप्त है। अब ऐसे महाराजा का अपमान भी उस शिवसेना के राज में होने लगा है, जो अपने को हिंदुत्व का ‘ठेकेदार’ मानती है। हाल ही में पुणे के पिसोली स्थित सांकला कॉ—आपरेटिव सोसायटी के क्लब हाउस में विराजमान गणेश जी की मूर्ति केवल इसलिए हटा दी गई कि वहां रहने वाले कुछ मुसलमानों ने मूर्ति का विरोध किया। बताया जा रहा है कि सोसायटी मुस्लिम—बहुल इलाके में है, लेकिन उसमें रहने वाले लोगों में से 80 प्रतिशत हिंदू हैं। इसलिए सोसायटी के लोगों ने एक प्रस्ताव पारित कर विघ्नहर्ता की मूर्ति वहां स्थापित की थी। सोसायटी की कमेटि के एक सदस्य आचार्य धर्मेन्द्र मिश्र ने बताया कि सोसायटी के क्लब हाउस में गणेश जी और भगवान महावीर की मूर्ति लगभग सात से विराजमान थी। लोग वहीं पूजा—पाठ करते थे। उन्होंने यह भी बताया कि सोसायटी के बिल्डर सुभाष जैन ने कहा था कि सोसायटी में एक मंदिर भी बनाया जाएगा और जब तक मंदिर नहीं बना है तब तक क्लब हाउस में लोग पूजा—पाठ करते थे, वहीं गणेश चतुर्थी भी मनाई जाती थी, लेकिन वहां रहने वाले कुछ मुसलमानों को यह पसंद नहीं था। इसलिए वे लोग सोसायटी से मूर्ति हटाने के लिए कहते थे। लेकिन सोसायटी के सभी हिंदुओं का मत था कि जब तक सोसायटी में मंदिर नहीं बना है तब तक मूर्ति क्लब हाउस में ही रहे। इसके बाद सोसायटी के मुसलमान पुलिस के पास गए। पुलिस से उन्होंने शिकायत की कि सोसायटी से गणेश की मूर्ति हटाई जाए। इसके साथ ही सोसायटी के मुसलमानों ने एनसीपी के कुछ मुस्लिम पार्षदों से भी मूर्ति हटवाने की मांग की। इसके बाद सोसायटी के लोगों को बिना बताए लगभग 50 पुलिस वाले एक दिन सोसायटी में गई और गार्ड से क्लब हाउस की चाबी लेकर वहां से मूर्तियों को उठाकर ले गए। पुलिस ने यह भी नहीं बताया कि मूर्ति के साथ और क्या—क्या ले गई। यही नहीं, पुलिस ने सोसायटी की कमेटि से जुड़े सात लोगों पर राष्ट्रीय एकात्मता को तोड़ने और अशांति फैलाने का आरोप लगाकर मुकदमा भी दर्ज कर लिया है। आचार्य धर्मन्द्र कहते हैं, ”यह पुलिस की तानाशाही है।”
पुणेे के सामाजिक कार्यकर्ता शिवशंकर स्वामी ने इसे हिंदुओं और महाराजा का अपमान बताया है। वे कहते हैं, ”शिवसेना अपने को सेकुलर सिद्ध करने के लिए कांग्रेस से भी अधिक मुस्लिम तुष्टीकरण करने लगी है। शिवसेना के संस्थापक बालासाहब ठाकरे की आत्मा आज जहां भी होगी अपने बेटे और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की करतूतों को देख और सुनकर रो रही होगी।” पुणे के एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप कुलकर्णी कहते हैं, ”अतिक्रमण के नाम पर पर तो सरकार हिंदुओं के मंदिरों को तुरंत तोड़ देती है, मूर्तियों को एक क्षण में हटा देती है, लेकिन दूसरी ओर वह अवैध मजारों और मस्जिदों को तोड़ने के बजाय बचाने के लिए आगे आ जाती है।”
पुलिस ने किस तरह सोसायटी से गणेश जी की मूर्ति हटाई है, उसे इस लिंक को क्लिक कर देख सकते हैं—
Received this msg on local watsap grp ..in Pune Pisoli area under Kondwa Police station area, 20-25 Police personnel including Senior police officers arrived to remove a small Ganesha idol from the Sankla Vista Society. pic.twitter.com/bVkbH9XUA5
— Harsha Patel 🇮🇳 (@harshagujaratan) March 31, 2022
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